धर्म-अध्यात्म

गरीबी दूर करने के लिए करें ये उपाय, औषधीय गुण और अन्य मान्यताएं

Triveni
14 Jun 2021 4:48 AM GMT
गरीबी दूर करने के लिए करें ये उपाय, औषधीय गुण और अन्य मान्यताएं
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क| सनातन धर्म में पेड़ पौधों को काफी पूज्यनीय माना जाता है, क्योंकि इनसे हमें प्राणवायु मिलती है. वहीं कुछ पौधे तो ऐसे हैं, जिनकी विशेष रूप से पूजा होती है जैसे पीपल, बरगद, बेल, तुलसी आदि. इसकी वजह है कि इन पौधों का संबन्ध किसी न किसी देवी-देवता से माना जाता है.

लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि गूलर का वृक्ष भी दैवीय वृक्षों में से एक होता है और इस का संबन्ध शुक्र ग्रह से होता है. यदि इस वृक्ष में नियमित रूप से जल चढ़ाया जाए या फिर इसके नीचे दीपक रखा जाए तो आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है और धन से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं. जानिए गूलर के वृक्ष से जुड़ी तमाम बातें.
गरीबी दूर करने के लिए करें ये उपाय
ज्योतिष में शुक्र ग्रह को विलासिता सुख देने वाला ग्रह माना गया है. जो लोग गरीबी का दंश झेल रहे होते हैं, अक्सर उनकी कुंडली में शुक्र कमजोर स्थिति में होता है. शुक्र की अशुभ स्थिति को समाप्त करने और भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए शुक्ल पक्ष में शुक्रवार के दिन किसी स्थान पर गूलर का पौधा लगाएं और इसमें नियमित तौर पर जल देना शुरू करें. इससे आपके जीवन में शुक्र के अनुकूल प्रभाव होंगे और जैसे जैसे पौधा पनपेगा, आपकी आर्थिक समस्याएं भी खत्म होने लगेंगी.
प्रेम विवाह के लिए
यदि प्रेम विवाह चाहते हैं या कोई भूमि या भवन खरीदना चाहते हैं और काम नहीं बन पा रहा है, तो गूलर के वृक्ष की जड़ को किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को निकाल लाएं और इसमें गंगाजल छिड़कें. इसके बाद मन में अपनी कामना को कहकर चांदी के ताबीज में इस जड़ को रखकर धारण करें. कुछ समय में परिणाम आपके पक्ष में आने लगेंगे.
कुबेर की संपदा बताए जाते हैं इसके फूल
गूलर के फूलों को लेकर तमाम रहस्यमयी बातें कही जाती हैं. कहा जाता है कि इसके फूल कभी जमीन पर नहीं गिरते. न ही आजतक कोई इसके फूलों को कोई देख पाया है. मान्यता है कि इसके फूल कुबेर की संपदा हैं. वे अक्सर रात में खिलते हैं और खिलते ही स्वर्गलोक चले जाते है, इसलिए ये धरती पर लोगों को नहीं मिल पाते. हालांकि कुछ लोग इसके फूल देखने का दावा करते हैं, लेकिन आज तक सटीक रूप से इस दावे को साबित नहीं कर पाए हैं. वहीं कुछ लोग ये मानते हैं कि गूलर का फूल होता ही नहीं है, असल में गूलर के फल टहनियों पर गांठ की तरह लगते हैं.
औषधीय गुणों से भरपूर
गूलर का वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. इसके पत्तों, जड़ और फल का प्रयोग आयुर्वेद में दवाओं के तौर पर किया जाता है. यौन दुर्बलता दूर करने के लिए गूलर के फलों का नियमित सेवन काफी गुणकारी है. वहीं गूलर की छाल और पत्तों का प्रयोग से सूजन और दर्द की समस्या दूर करने के लिए किया जाता है. गूलर के पुराने से पुराने घाव को भी ठीक किया जा सकता है. इसके अलावा भी आयुर्वेद में गूलर के फल, छाल, जड़ और पत्तों का प्रयोग तमाम बीमारियों के लिए किया जाता है.


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