धर्म-अध्यात्म

शनि देव को प्रसन्न करने हेतु शनिवार को पूजा के दौरान इन मंत्रों का जरूर करें जाप

Subhi
19 Feb 2022 2:23 AM GMT
शनि देव को प्रसन्न करने हेतु शनिवार को पूजा के दौरान इन मंत्रों का जरूर करें जाप
x
शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। अच्छे कर्म करने वाले को शुभ फल देते हैं, तो बुरे कर्म करने वाले को दंड देते हैं। जब किसी जातक पर शनि की ढैया अथवा साढ़े साती चलती है, तो जातक को मानसिक, आर्थिक और शारीरिक परेशानियां होती हैं।

शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। अच्छे कर्म करने वाले को शुभ फल देते हैं, तो बुरे कर्म करने वाले को दंड देते हैं। जब किसी जातक पर शनि की ढैया अथवा साढ़े साती चलती है, तो जातक को मानसिक, आर्थिक और शारीरिक परेशानियां होती हैं। ऐसी मान्यता है कि शनिवार के दिन सच्ची श्रद्धा और भक्ति से शनिदेव की पूजा करने वाले साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त हैं। इसके लिए कहा जाता है कि कृष्ण जी की पूजा करने से भी शनि की समस्त बाधा समाप्त हो जाती है। इसके लिए शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन शनिदेव की पूजा-उपासना की जाती है। शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने के कई नियम हैं। इन नियमों का पालन अनिवार्य है। साथ ही शनिवार को कई चीजें नहीं खरीदनी चाहिए। अगर आप भी शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं, तो शनिवार को इन मंत्रों का जाप अवश्य करें। धार्मिक मान्यता है कि इन मंत्रों के जाप से घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी परेशानियों का अंत होता है। आइए, इस श्राप की कथा जानते हैं-

1. शनि महामंत्र

ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।

छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

2. शनि दोष निवारण मंत्र

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।

उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।

3. शनि का पौराणिक मंत्र

ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।

छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।

4. शनि का वैदिक मंत्र

ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।

5. शनि गायत्री मंत्र

ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।

6. सेहत के लिए शनि मंत्र

ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।

कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।

शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।

दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।

7. तांत्रिक शनि मंत्र

ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

8.

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।


Next Story