धर्म-अध्यात्म

भगवान शिव को खुश करने के लिए शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाए ये चीजें

Ritisha Jaiswal
27 May 2022 4:31 PM GMT
भगवान शिव को खुश करने के लिए शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाए ये चीजें
x
भगवान शिव प्रकृति का आधार हैं और उनको देवों का देव भी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव कभी किसी से अप्रसन्न नहीं होते हैं

भगवान शिव प्रकृति का आधार हैं और उनको देवों का देव भी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव कभी किसी से अप्रसन्न नहीं होते हैं। अगर भक्त सादगी के साथ विधि-विधान से भगवान भोलेनाथ की स्तुति करता है तो उसको मनोवांछित फल की प्राप्ति जरूर होती है।

भगवान शिव की पूजा अर्चना में शिवलिंग का भी विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार का दिन भोलेशंकर को समर्पित होता है। इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना की जाती है। शिवजी को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग की पूजा- अर्चना की जाती है। शिवलिंग पर कुछ चीजें अर्पित करने से शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कुछ चीजों को शिव पूजा में भूलकर भी शामिल नहीं करना चाहिए।
हल्दी
हिंदू धर्म में कई धार्मिक आयोजन व अनुष्ठानों में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है पर शिव पूजन में हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है और हल्दी को सौंदर्य प्रसाधन की वस्तु माना जाता है। मान्यता है कि शिव को हल्दी अर्पित करने से चंद्रमा कमजोर होने लगता है।
कुमकुम या सिंदूर
महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए मांग में सिंदूर लगाती है। कुछ लोग इसे भगवान शिव को भी अर्पित करते हैं जबकि शिव पुराण में भगवान शिव को कुमकुम या सिंदूर अर्पित करने पर मनाही है।
तुलसी
पवित्र तुलसी का प्रयोग कई देवी-देवताओं की पूजा में विशेष रूप से किया जाता है। हर घर में तुलसी का पौधा होता है। लेकिन भगवान शिव की पूजा में इनका इस्तेमाल वर्जित है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान शिव ने तुलसी के पति और असुर जालंधर का वध किया था। तभी से भगवान शिव को तुलसी का पत्ता अर्पित नहीं किया जाता है।
लाल और केतकी के फूल
महादेव की पूजा में लाल फूल बिल्कुल भी नहीं चढ़ाए जाते हैं। एक कथा के अनुसार झूठ बोलने पर भोलनाथ ने केतकी के फूल को श्राप देते हुए कहा था कि कभी भी केतकी का फूल शिव की पूजा में अर्पित नहीं किया जाएगा।
नारियल पानी
नारियल को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है इसलिए इससे शिव जी का अभिषेक बिल्कुल नहीं करना चाहिए। शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली चीजों को ग्रहण करना वर्जित माना जाता है। तभी से शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाया जाता है।
शंख
भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक असुर का वध किया था और शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान व‌िष्‍णु का भक्त था। इसलिए शिवलिंग पर शंख से जल अर्पित न करें।
ऐसे भी कर सकते है शिव जी की सरल पूजा
अगर आप किसी पंडित के बिना पूजा करना चाहते हैं, यहां बताई गई सरल विधि से पूजा कर सकते हैं। सबसे पहले गणेश पूजा करें और इसके बाद शिवलिंग पर तांबे, चांदी या सोने के लोटे से जल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय शिव जी के मंत्रों का जप करें। जल के साथ ही शिवलिंग पर दूध, दही, शहद भी चढ़ाना चाहिए। इस तरह अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि चीजें अर्पित करें। मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। भगवान के मंत्रों का जाप करें। शिव मंत्र ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप किया जा सकता है।


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

    Next Story