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धर्म-अध्यात्म
भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए करें शिव पंचाक्षर स्तोत्रम पाठ
Tara Tandi
25 July 2022 5:02 AM GMT
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सावन का हर दिन शिव जी (Lord Shiva) की भक्ति के लिए अच्छा अवसर माना जाता है. वैसे में सावन सोमवार (Sawan Somwar) का दिन तो इसके लिए और भी उत्तम होता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सावन का हर दिन शिव जी (Lord Shiva) की भक्ति के लिए अच्छा अवसर माना जाता है. वैसे में सावन सोमवार (Sawan Somwar) का दिन तो इसके लिए और भी उत्तम होता है. सावन में आप सच्चे मन से भगवान शिव का ध्यान करते हैं और उनके मंत्रों का जाप करते हैं, तो आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए बहुत से मंत्र और स्तोत्र हैं, जिनका जाप या पाठ करने से लाभ प्राप्त होता है, इनमें शिव पंचाक्षर स्तोत्रम (Shiva Panchakshara Stotram) भी शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम साधन है.
काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट कहते हैं कि शिव पंचाक्षर स्तोत्रम में भगवान शिव की स्तुति गान है और उनके गुणों का वर्णन किया गया है. शिव पंचाक्षर स्तोत्रम में नम: शिवाय: बार बार आता है. जिन लोगों को शिव पंचाक्षर स्तोत्रम याद नहीं होता है, उनको पूजा के समय शिव पंचाक्षर मंत्र ओम नम: शिवाय का ही जाप कर लेना चाहिए. यह शिव जी का सबसे प्रभावशाली मंत्र है. इस मंत्र के जाप से सभी प्रकार के मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. इस मंत्र को आप प्रत्येक दिन या फिर प्रत्येक सोमवार को पढ़ सकते हैं.
शिव पंचाक्षर स्तोत्रम पाठ की विधि
जिस दिन आपको शिव पंचाक्षर स्तोत्रम का पाठ करना हो, उस दिन सबसे पहले भगवान शिव की पूजा करें. शिव जी का गंगाजल से अभिषेक करें. उसके बाद उनको सफेद फूल, भांग, मदार फूल, बेलपत्र, धतूरा, शहद, गाय का दूध, शक्कर, अक्षत्, चंदन आदि अर्पित करें.
फिर धूप, दीप, गंध आदि चढ़ाएं. उसके बाद से शिव पंचाक्षर स्तोत्रम का पाठ करें. इसका पाठ करते समय शब्दों का सही उच्चारण करना चाहिए. यदि संस्कृत शब्दों को पढ़ने में समस्या आती है, तो इसके हिंदी अर्थ को भी पढ़ सकते हैं.
शिव पंचाक्षर स्तोत्रम
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:।।
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:।।
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:।।
वषिष्ठ कुभोदव गौतमाय मुनींद्र देवार्चित शेखराय।
चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै व काराय नम: शिवाय:।।
यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै य काराय नम: शिवाय:।।
पंचाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेत शिव सन्निधौ।
शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते।।
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे 'न' काराय नमः शिवायः।।
ओम नम: शिवाय…हर हर महादेव…ओम नम: शिवाय!!!
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