धर्म-अध्यात्म

लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस तरह करें उपाय जाने विधि-विधान

Teja
11 March 2022 12:15 PM GMT
लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस तरह करें उपाय जाने विधि-विधान
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अगर आप वित्तीय परेशानियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय करें.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अगर आप वित्तीय परेशानियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय करें. इससे धन संबंधी परेशानियों से छुटकारा मिलेगा. धन कमाने के नए अवसर भी मिलेंगे. शुक्रवार (Maa Lakshmi) के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें. ऐसा माना जाता है इस दिन वैभव लक्ष्मी का व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. पूजा के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. व्रत के दौरान न केवल (Puja Vidhi) स्नान करके खुद को शुद्ध करें बल्कि लोगों को अपशब्द कहने और बुरा सोचने से भी परहेज करें. पूजा (Lakshmi) करने का सबसे शुभ समय सुबह का होता है.

पूजा के लिए जरूरी सभी चीजें पहले ही खरीद लें. ऐसा माना जाता है कि स्वच्छ घरों में देवी लक्ष्मी का वास होता है. इसलिए पूजा से पहले घर की सफाई करना न भूलें. अपने पूजा स्थल के पास अच्छी तरह से झाडू लगाकर एक रंगोली बनाएं. स्नान करने और नए कपड़े पहनने के बाद पूजा के लिए आवश्यक सभी चीजें इकट्ठा करें. इस्तेमाल में लाने से पहले सभी फलों और बर्तनों को अच्छे से धो लें.
इस तरह करें माता लक्ष्मी की पूजा
चौकी पर देवी लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें.
देवी लक्ष्मी की मूर्ति को सुंदर वस्त्रों और गहनों से सजाना न भूलें.
मूर्ति के साथ ही जल से भरा शंख रखें.
एक बार जब आप पूजा की तैयारी कर लेते हैं, तो अपनी आंखें बंद कर लें और देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें.
मंत्र जाप के बाद देवी को प्रसाद अर्पित करें.
आरती के साथ पूजा समाप्त करें. पूजा समाप्त होने के बाद दोस्तों और रिश्तेदारों को प्रसाद बांटें.
मां लक्ष्मी के मंत्र
मां लक्ष्मी के आशीर्वाद के लिए मंत्र
ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।
धन संबंधी समस्याएं दूर करने के लिए मंत्र
ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।
सुख और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए मंत्र
ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।


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