धर्म-अध्यात्म

शिव कृपा प्राप्ति के लिए पूजन के दौरान जरूर करें ये काम

Tara Tandi
22 March 2024 1:29 PM GMT
शिव कृपा प्राप्ति के लिए  पूजन के दौरान जरूर करें ये काम
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ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन प्रदोष व्रत को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में दो बार आता है अभी फाल्गुन मास चल रहा है और इस माह का दूसरा प्रदोष व्रत आज यानी 22 मार्च दिन शुक्रवार को किया जा रहा है शुक्रवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण ही इसे शुक्र प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है जो कि भगवान शिव की साधना आराधना को समर्पित होता है। इस दिन भक्त पूरे विधि विधान के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं और दिनभर उपवास रखते हैं माना जाता है कि इस दिन शिव पार्वती की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और कष्ट दूर हो जाते हैं। लेकिन इसी के साथ ही अगर आज शिव पूजन के दौरान लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो सभी बिगड़े काम बनने लग जाते हैं और हर क्षेत्र में सफलता मिलती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ये चमत्कारी पाठ।
लिंगाष्टकम स्तोत्र—
ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् ।
जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥
देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् ।
रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥
सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् ।
सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥३॥
कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् ।
दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥४॥
कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम् ।
सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥५॥
देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम् ।
दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥६॥
अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गं सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम् ।
अष्टदरिद्रविनाशितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥७॥
सुरगुरुसुरवरपूजितलिङ्गं सुरवनपुष्पसदार्चितलिङ्गम् ।
परात्परं परमात्मकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥८॥
लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेत् शिवसन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥
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