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धर्म-अध्यात्म
आरोग्य के देवता भगवान सूर्य की कृपा पाने रविवार को करें ये सरल उपाय
Bhumika Sahu
30 Jan 2022 5:04 AM GMT
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सनातन परंपरा में भगवान सूर्य (Lord Sun) की साधना आरोग्य और सौभाग्य प्रदान करने वाली मानी गई है. पंचदेवों में से एक भगवान सूर्य यदि प्रात:काल न दिखाई पड़ें तो सूर्य की साधना कैसे करनी चाहिए और कुंडली में उनकी शुभता पाने का क्या है सरल उपाय, जानने के लिए पढ़ें ये लेख.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष (Astrology) में सूर्यदेव को नवग्रहों का राजा माना गया है. जिनकी साधना अत्यंत ही सरल और त्वरित फल देने वाली मानी गई है. प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य की पूजा से सुख, समृद्धि, सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है. सूर्य देव (Lord Sun) की कृपा पाने के लिए सनातन परंपरा में कई ऐसे उपाय बताये गये हैं, जिन्हें करते ही सूर्य भगवान की कृपा बरसने लगती है, लेकिन सूर्यदेव की पूजा से जुड़े उपायों को करते समय कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए. आइए सूर्य की पूजा (Lord Sun Worship) से जुड़े सरल और प्रभावी उपाय के बारे में जानते हैं, जिसे करते ही साधक की हर मनोकामना पूरी होती है.
पंचदेव में से एक हैं सूर्यदेव
सनातन परंपरा में प्रतिदिन पांच देवों की पूजा करना जरूरी बताया गया है. इन पांच देवों में भगवान श्री गणेश, भगवान शिव, भगवान विष्णु, देवी दुर्गा और प्रतिदिन प्रत्यक्ष दर्शन देने वाले भगवान सूर्यदेव शामिल हैं. भगवान सूर्य ऐसे देवता हैं जो अपने साधक को न सिर्फ सौभाग्य बल्कि आरोग्य का भी आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
जब सूर्य न दिखाई दे तो ऐसे करें पूजा
कई बार मौसम की खराबी के कारण सूर्यदेव बादलों के पीछे से नहीं दिखाई देते हैं तो उनकी पूजा करते समय या फिर अर्घ्य देते समय लोगों के मन के सामने धर्मसंकट पैदा हो जाता है कि अब क्या करें. ऐसे में बगैर मन में किसी तरह की शंका लाए मन ही मन में सूर्यदेव को प्रणाम करत हुए पूर्व दिशा की ओर मुंह करके सूर्यदेव की पूजा करें और तांबे के बर्तन से सूर्यदेव को अर्घ्य प्रदान करें. सूर्य को अर्घ्य देते समय जल में लाल फूल और थोड़ा सा कुंकुम भी डालें. इस उपाय को करने पर भगवा सूर्य की शीघ्र ही कृपा प्राप्त होती है.
सूर्य साधना में इन बातों का रखें ध्यान
भगवान सूर्य की साधना करते समय कुछ चीजों का विशेष ख्याल रखना चाहिए. जैसे यदि आप सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय इस बात का हमेशा ख्याल रखें कि उसका जल जमीन पर न गिरे और न ही नाली में जाए. सूर्यदेव को जल देते समय नीचे एक चौड़े मुंह वाला बर्तन रख लें और फिर उस पूजा के जल को किसी पौधे पर चढ़ा दें. सूर्य को भूलकर भी ऐसी जगह अर्घ्य न दें, जहां पर गिरे जल पर किसी के पैर पड़े.
इस स्तोत्र से बरसती है सूर्य कृपा
जिस किसी भी जातक की कुंडली में सूर्यदेव कमजोर होकर अशुभ फल दे रहें हों, उसे उनकी शुभता को पाने के लिए प्रतिदिन और रविवार को विशेष रूप से तीन बार आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए. आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करने पर व्यक्ति को चमत्कारी रूप से सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है और साधक को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है.
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