धर्म-अध्यात्म

मंगलवार के दिन हनुमान जी की कृपा प्राप्ति के लिए इन मंत्रों का जाप करें

Kajal Dubey
8 Feb 2022 1:29 AM GMT
मंगलवार के दिन हनुमान जी की कृपा प्राप्ति के लिए इन मंत्रों का जाप करें
x
मंगलवार का दिन श्री राम भक्त हनुमान को समर्पित है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज मंगलवार है. मंगलवार का दिन श्री राम भक्त हनुमान (Shri Raam Bhakt Hanuman) को समर्पित है. मान्यता है कि अगर आज के दिन हनुमान जी (Hanuman Ji) की सच्चे मन से पूजा-अर्चना की जाए, तो वे जल्दी प्रसन्न होकर भक्तों को मुंह मांगा फल देते हैं. कहते हैं मंगलवार का दिन नाम के अनुरूप मंगलकारी माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था, इसलिए आज के दिन हनुमान जी की पूजा का विधान है.

ज्योतिषियों के अनुसार कुंडली में मंगल दोष (Mangal Dosh In Kundali) होने पर मंगलवार के दिन भक्तों को मंदिर में तिल के तेल का दीया जलाना चाहिए. साथ ही उनके मंत्रों का जाप (Hanuman Ji Mantra Jaap) करें. वहीं, हनुमान जी को घी का चोला चढ़ाया जाता है. साथ ही प्रसाद में बेसन के लड्डू का भोग लगाएं. आज मगंलवार के दिन हनुमान जी (Hanuman Ji Blessings) का आशीर्वाद और कृपा पाने के लिए उनके मंत्रों का जाप करें. इससे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और संकटों का नाश होगा.
1-संकट और बाधांए दूर करने के लिए
मान्यता है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी के इन मंत्रों का जाप किया जाए, तो जीवन में आ रही सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है.
ॐ शान्ताय नम:।
ॐ मारुतात्मजाय नमः।
ऊं हं हनुमते नम:।
2- रोजगार में सफलता प्राप्ति के लिए-
हनुमान जी को बूंदी के लड्डू का भोग लगाते हुए इस मंत्र का जाप करने से रोजगार में सफलता मिलती है.
ॐ पिंगाक्षाय नमः।
3- रोग-दोष से मुक्ति के लिए-
मान्यता है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी के इन मंत्रों का जाप करने से सभी प्रकार के रोग और दोषों से मुक्ति मिलती है.
ऊं हं हनुमते नम:। या मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन।
4- भूत-प्रेत बाधा दूर करने के लिए-
हनुमान जी इस मंत्र के जाप से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं. साथ ही, भूत-प्रेत से भी छुटकारा मिलता है.
नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः।
5- शत्रु विजय के लिए-
शत्रु पर विजय प्राप्ति के लिए हनुमान जी के इस मंत्र का जाप बहुत असरदार है.
ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।


Next Story