धर्म-अध्यात्म

जीवन में सफलता पाने के लिए गीता की इन बातों का रखें ध्यान

Subhi
31 May 2022 3:54 AM GMT
जीवन में सफलता पाने के लिए गीता की इन बातों का रखें ध्यान
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भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश अर्जुन को माध्यम बनाकर संसार को दिया था। महाभारत युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को तब गीता का पाठ पढ़ाया था, जब उनके कदम युद्ध भूमि में डगमगाने लगे थे।

भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश अर्जुन को माध्यम बनाकर संसार को दिया था। महाभारत युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को तब गीता का पाठ पढ़ाया था, जब उनके कदम युद्ध भूमि में डगमगाने लगे थे। गीता के उपदेशों को सुनकर अर्जुन अपने लक्ष्य को पूरा करने की तरफ अग्रसर हुए। कहा जाता है कि गीता में जीवन की हर एक परेशानी का हल मिल जाता है। गीता कर्म करने और जीवन में आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देती है। ऐसे में किसी भी परेशानी का हल पाने और जीवन में सफलता पाने के लिए गीता की कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति गीता की इन 5 बातों का जीवन में अनुसरण कर लेता है वह हर काम में विजय हासिल कर सकता है। आइए जानते हैं उन बातों के बारे में...

स्वयं का आकलन

व्यक्ति को खुद से बेहतर कोई नहीं जान सकता। इसलिए स्वयं का आकलन करना बेहद जरूरी है। गीता के अनुसार, जो भी व्यक्ति अपने गुणों और कमियों को जान लेता है वह अपने व्यक्तित्व का निर्माण करके हर काम में सफलता प्राप्त कर सकता है।

मन पर नियंत्रण

कहा जाता है कि कई बार हमारा मन ही हमारे दुखों का कारण बन जाता है। गीता के अनुसार, जिस व्यक्ति ने अपने मन पर काबू पा लिया वह मन में पैदा होने वाली बेकार की चिंताओं और इच्छाओं से भी दूर रहता है। साथ ही व्यक्ति को अपने लक्ष्य को भी आसानी से प्राप्त कर लेता है।

क्रोध पर काबू रखें

क्रोध में कोई भी व्यक्ति खुद पर नियंत्रण खो बैठता है और आवेश में आकर गलत कार्य भी कर देता है। कभी-कभी गुस्से में व्यक्ति खुद का अहित कर बैठता है। इसलिए क्रोध को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए। गीता में श्रीकृष्ण ने बताया है कि यदि गुस्सा आए तो स्वयं को शांत रखने का प्रयास करें।

फल की इच्छा छोड़ कर्म पर ध्यान देना चाहिए

गीता में श्रीकृष्ण के उपदेश के अनुसार, मनुष्य को फल की इच्छा छोड़कर कर्म पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि मनुष्य जैसा कर्म करता है उसे फल भी उसी के अनुरूप मिलता है।

स्पष्ट नजरिया

गीता के अनुसार, व्यक्ति को संदेह या संशय का स्थिति में नहीं रहना चाहिए। जो लोग संशय का स्थिति में रहते हैं, उनका भला नहीं हो सकता है। जीवन में स्पष्ट नजरिया होना चाहिए।


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