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धर्म-अध्यात्म
नौकरी और व्यापार में तरक्की पाने के लिए होली दहन के दिन कर लें ये कार्य, धन की होगी बरकत
Tulsi Rao
5 March 2022 6:44 PM GMT

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18 मार्च के दिन रंग खेला जाएगा. होली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदुओं के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है होली. फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन छोटी होली मनाई जाती है. छोटी होली के दिन होलिका दहन (Holika Dahan 2022) होता है. और बड़ी होली चैत्र मास (Chaitra Month) की प्रतिपदा तिथि को मनायी जाती है. इस बार 17 मार्च के दिन होलिका दहन किया जाएगा और 18 मार्च के दिन रंग खेला जाएगा. होली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है.
होली के त्योहार का धार्मिक महत्व है. पूजा-पाठ के हिसाब से इस दिन को बहुत ही शुभ माना गया है. मान्यता है कि होली (Holi 2022) के दिन अगर कुछ ज्योतिषीय उपाय कर लिए जाए, तो हर परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है. आइए जानते हैं होलिका के दिन नौकरी और व्यापार में तरक्की के लिए उपायों के बारे में.
होलिका दहन के दिन करें ये उपाय (Remedies For Holika Dahan)
बीमार व्यक्ति के ठीक न होने पर
लंबे समय से बीमार चल रहे व्यक्ति के लिए होलिका दहन के दिन ये उपाय बहुत कारगार साबित होता है. एक बिना कटा पान, लाल गुलाब और बताशे लेकर बीमार व्यक्ति के शरीर पर 31 बार घुमाएं और फिर इन्हें चौराहे पर रख दें. लेकिन ये उपाय गोपनीयता के साथ करें. इसे करते समय कोई आपको देख न पाए. ऐसा करने से रोगी की स्थिति में सुधार होता है.
समस्याएं खत्म न होने पर
कई बार व्यक्ति के जीवन से एक समस्या खत्म नहीं होती, और दूसरी समस्या पैदा हो जाती है. इन समस्याओं से निपटने के लिए आप होली की रात घर के एंट्री गेट पर सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाएं. और भगवान से हर समस्या को दूर करने की प्रार्थना करें. इस उपाय से काफी लाभ मिलेगा.
फिजूल खर्ची रोकने के लिए
अगर किसी न किसी वजह से पैसा नहीं रुकता और फिजूलखर्ची रुकने का नाम नहीं लेती, तो होली के दिन घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़क दें. और दोमुख का दीपक जलाएं. इससे घन हानि बंद हो जाती है. दीपक बंद होने के बाद दीपक को होलिक दहन की अग्नि में डाल दें.
धन की समस्या से निपटने के लिए
आर्थिक तंगी से निपटने के लिए होली के दिन नारायण और मां लक्ष्मी के मंदिर में जाएं और उनकी विधिवत पूजा करें. इस दिन सहस्त्रनाम का पाठ करें. भगवान के सम्मुख अपनी समस्या रखें और उसे दूर करने की प्रार्थना करें. इसके बाद जरूरतमंदों और पशुओं को सामर्थ्य अनुसार दान करें.
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