धर्म-अध्यात्म

घर में सुख और समृद्धि पाने के लिए, वास्तु के इन नियमों को करें फॉलो

Apurva Srivastav
30 Jan 2022 3:40 PM GMT
घर में सुख और समृद्धि पाने के लिए, वास्तु के इन नियमों को करें फॉलो
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सनातन धर्म में वास्तु का विशेष महत्व है। जानकारों की मानें तो वास्तु नियमों का पालन करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है।

Vastu Tips For Happiness: सनातन धर्म में वास्तु का विशेष महत्व है। जानकारों की मानें तो वास्तु नियमों का पालन करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है। इसके लिए घर का निर्माण और सजावट करते समय नजदीक के प्रकांड पंडित अथवा ज्योतिष से अवश्य सलाह लेनी चाहिए। किसी प्रकार की लापरवाही बरतने से घर में नकारात्मक शक्ति प्रवेश कर जाती है। इससे घर में दुःख और क्लेश की स्थिति बनी रहती है। साथ ही घर से मां लक्ष्मी भी प्रस्थान कर जाती हैं। अगर आप भी सुख और समृद्धि की कामना करते हैं, तो वास्तु के इन नियमों का जरूर पालन करें। आइए जानते हैं-

-वास्तु जानकारों की मानें तो घर में घोड़े की मूर्ति रखने से कारोबार और रोजगार में प्रगति और पदोन्नति होती है। इसके लिए घर में अश्व की मूर्ति अवश्य रखें।
-वास्तु के अनुसार, घर का मध्य स्थान खाली रहना चाहिए। इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है।
-वास्तु जानकारों की मानें तो विवाहित दंपत्ति का बेड़रूम हमेशा उत्तर दिशा में रहना चाहिए। इससे पति और पत्नी के बीच आपसी प्रेम बढ़ता है। दोनों के बीच निकटता और मधुरता आती है। साथ ही संतान की भी प्राप्ति होती है।
- बाजार में विशेष प्रकार का कछुआ मिलता है। इसमें बड़े कछुए के ऊपर छोटा कछुआ रहता है। वहीं, सबसे नीचे कॉइन रहता है, जिस पर कछुआ विराजमान रहता है। अगर आप सुख और समृद्धि की कामना करते हैं, तो घर में वास्तु कछुआ जरूर रखें।
- अगर आप कर्ज से पीड़ित हैं, तो ईशान कोण में जूते-चप्पल, मच्छरदानी आदि चीजें न रखें। इससे गृह स्वामी के उपर कर्ज बढ़ता है। ईशान कोण को हमेशा साफ रखें।
-सामान्यतः सभी घरों में तुलसी के पौधे लगाए जाते हैं। सनातन धर्म के अनुयायी तुलसी महारानी की रविवार को छोड़कर रोजाना पूजा-आरती करते हैं। हालांकि, तुलसी की पौधा ईशान कोण में लगाना शुभ होता है। इसके लिए तुलसी को पौधा घर पर ईशान कोण में जरूर लगाएं।
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
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