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नवरात्रि में सौभाग्य की प्राप्ति हेतु... करें ये 5 उपाय
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मां दुर्गा को आदिशक्ति, जगत जननी, जगदम्बा भी कहा जाता है। माता लक्ष्मी, सरस्वती और पार्वती मां दुर्गा का ही रूप हैं। इसलिए नवरात्रि में मां दुर्गा के पूजन से ज्ञान, आरोग्य, शक्ति और धन की प्राप्ति होती है। लोग नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के स्तोत्रों, मंत्रों और स्तुतियों का पाठ करते हैं। इस काल में भक्ति पूर्वक मां का पूजन करने से आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। ज्योतिषशास्त्र में भी नवरात्रि के नौ दिन को बहुत शुभ माना जाता है। आज हम आपको ज्योतिष के 5 ऐसे उपाय बता रहे हैं जिन्हें नवरात्रि में करने से घर में धन-संपदा का आगमन होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.....
1-सोने - चांदी का सिक्का
नवरात्रि में मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे सरल उपाय है सोने या चांदी का सिक्के घर लाकर उसका पूजन करें। सिक्के पर मां लक्ष्मी का चित्र बना हो तो ज्यादा शुभ है, ऐसा करने से धन-धान्या की प्राप्त होती है।
2- शंखपुष्पी की जड़
नवरात्रि के किसी भी दिन शंखपुष्पी की जड़ को घर में लाकर, चांदी के डिब्बे में रख कर पूजन उसे अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से घर में कभी पैसों की कमी नहीं होगी।
3- केले का पौधा
नवरात्रि में केले का पौधा ला कर घर में किसी गमले में रोप दें। प्रत्येक दिन उसको जल और गुरूवार को दूध मिश्रित जल चढ़ाने से धन-संपदा में वृद्धि होती है।
4- कमल का फूल
नवरात्रि मां दुर्गा और मां लक्ष्मी का पूजन करते समय कमल का फूल चढ़ाएं। कमल का फूल मां लक्ष्मी का प्रिय फूल है, इसे अर्पित करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है। घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
5- बरगद के पत्ते
नवरात्रि में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने लिए बरगद के ताजे पत्ते तोड़ कर लाएं। पत्तों पर सिंदूर या रोली से स्वास्तिक का चिन्ह बना कर पूजा में अर्पित करें।ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर को धन-धान्य से भर देती हैं।
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'