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सफल होने के लिए व्यक्ति को गधे से सीखनी चाहिए ये तीन बातें, बनी रहेगी सुख संपदा
आचार्य चाणक्य ने अपने श्लोकों के माध्यम से व्यक्ति को सफल बनाने के साथ-साथ समाज में मान-सम्मान पाने के कई तरीके बताए हैं। चाणक्य चाणक्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बुद्धिमान होने से सबकुछ नहीं होता है, बल्कि सफलता हासिल करने के सात कुछ गुणों का होनाभी जरूरी है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को हमेशा हर किसी से कुछ न कुछ सीखना को मिलता है। ऐसे में व्यक्ति को गधे से भी कुछ चीजें जरूर सीखना चाहिए। आमतौर पर गधा को सिर्फ बोझा ढोने वाला जानवर माना जाता है। लेकिन उसमें भी कई खूबियां होती हैं जिन्हें जरूर जानना चाहिए। गधे को सब लोग मूर्ख समझते हैं लेकिन वह काफी मेहनत करने वाला जानवर होता है। जानिए व्यक्ति को एक गधे से कौन सी चीजें सीखनी चाहिए।
श्लोक
सुश्रान्तोऽपि वहेद् भारं शीतोष्णं न पश्यति।
सन्तुष्टश्चरतो नित्यं त्रीणि शिक्षेच्च गर्दभात्॥
आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक के माध्यम से कहा है कि एक गधे से व्यक्ति को ये तीन बातें जरूर सीखनी चाहिए।
आलस्य से बनाएं दूरी
हमेशा संतोषपूर्वक रहना
मौसम की चिंता न करना
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, गधे से पहली सीख लेनी चाहिए कि आप आलस्य से दूरी बनाएं। जिस तरह एक गधा बिना थके रूके बोझा ढोता रहता है। उसी तरह व्यक्ति को भी होना चाहिए। क्योंकि अगर व्यक्ति आलस्य करेगा तो जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाएगा। इसलिए आलस्य को त्याग कर मेहनत करना सीखें।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, एक गधे की तरह ही व्यक्ति को भी हमेशा संतुष्ट रहना चाहिए। लेकिन आज के समय कोई भी व्यक्ति संतुष्ट नहीं है जिसके कारण वह हमेशा दुखी रहता है। गरीब व्यक्ति अमीर बनना चाहता है और अमीर और भी ज्यादा पैसा कमाना चाहता है। इस होड़ में वह खुद के साथ-साथ परिवार को भी भूल जाता है। इसलिए व्यक्ति को जो मिला है उसी में संतुष्ट रहना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को गधे की तरह कभी भी मौसम की परवाह नहीं करना चाहिए। वह बिना मौसम की परवाह किए मेहनत करता रहता है। इसी तरह व्यक्ति भी अगर सफल होना चाहता है तो सर्दी, गर्मी, बारिश हर एक मौसम को भूल जाना चाहिए। क्योंकि् अघर व्यक्ति मौसम की परवाह करेगा तो वह सफलता की सीढ़ियों में चढ़ने से पहले ही उतर जाएगा।