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धर्म-अध्यात्म
चैत्र नवरात्र पर ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए ऐसे करें पूजा और ना करें ये काम
Kajal Dubey
30 March 2022 3:42 AM GMT
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भारत समेत दुनियाभर के माता रानी के भक्त इन दिनों चैत्र नवरात्र की तैयारी में जुटे हैं। हिंदू धर्म में नवरात्र के नौ दिनों का खास महत्व है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत समेत दुनियाभर के माता रानी के भक्त इन दिनों चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) की तैयारी में जुटे हैं। हिंदू धर्म में नवरात्र के नौ दिनों का खास महत्व है। नवरात्र पर मां दुर्गा के भक्त 9 दिनों तक उनके अलग-अलग स्वरुप की पूजा अर्चना करते हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 को शनिवार के दिन से शुरू हो रहे हैं जो 11 अप्रैल 2022 को सोमवार के दिन समाप्त होंगे। वहीं 10 अप्रैल को राम नवमी मनाई जाएगी।
शास्त्रों के मुताबकि नवरात्र (Navratri) नौ दिन मनाए जाते हैं और नौ ही ग्रह हैं, नौ ही हमारी इन्द्रियां है, नौ ही उपनिषद है और नौ ही दुर्गा के रूप हैं। मान्यता के मुताबिक नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की साधना-आराधना से तन को तंदुरूस्त बनाए रखने, मन को प्रसन्न रखने के साथ सभी ग्रहों को अपने अनुकूल बना सकते हैं।
नौ ग्रह होते हैं अनुकूल
नौ ग्रह हैं जो हमारे सभी शुभ अशुभ के कारक होते हैं- सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि यह सात प्रत्यक्ष और दो राहु और केतु अप्रत्यक्ष ग्रह हैं। इन नौ में से कोई ग्रह आपके प्रतिकूल है अशुभ फल दे रहा है। तो उसे आप अपने अनुकूल कर शुभ फल पा सकते हैं।
ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए चैत्र नवरात्र पर ऐसे करें पूजा
- मान्यता के सूर्य ग्रह के कमजोर रहने पर स्वास्थ्य लाभ के लिए शैलपुत्री की उपासना से लाभ मिलता है।
- चंद्रमा के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए कुष्मांडा देवी की नवरात्रि में साधना करें।
- मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए स्कंदमाता की अराधना
- बुध ग्रह की शांति और अर्थव्यवस्था में वृद्धि के लिए कात्यायनी देवी की पूजा
- गुरू ग्रह के अनुकूलता के लिए महागौरी की पूज अर्चना
- शुक्र के शुभत्व के लिए सिद्धिदात्रि की पूजा
- शनि के दुष्प्रभाव को दूर कर शुभता पाने के लिए कालरात्रि की उपासना
- राहु की शुभता प्राप्त करने के लिए ब्रह्मचारिणी की उपासना
- केतु के विपरीत प्रभाव को दूर करने के लिए चंद्रघंटा की साधना अनुकूलता देती है।
चैत्र नवरात्रि में ना करें ये काम
- चैत्र नवरात्रि दौरान सात्विक भोजन ही करना चाहिए और मांस-मछ्ली व प्याज लहसुन से परहेज करना चाहिए।
- नवरात्रि के दौरान शराब के सेवन को भी वर्जित माना गया है।
- व्रती परिवार के सदस्यों को चैत्र नवरात्रि के दौरान बाल, दाढ़ी या मूंछ नहीं कटवाने चाहिए।
- नवरात्रि के दौरान चमड़े से बनी वस्तुओं को दूर रखना चाहिए।
- पूजा स्थल पर जाने वाले व्यक्ति को चमड़े की कोई चीज धारण नहीं करनी चाहिए।
- चैत्र नवरात्रि पर दुर्गा मां की अखंड ज्योत को कभी भुजने नहीं देना चाहिए। मां दुर्गा क्रोधित हो सकती हैं।
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