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साढ़े साती और ढैय्या से बचने के लिए शनिवार के दिन जरूर करें ये उपाय
हिन्दू धर्म में कार्तिक मास को बहुत उत्तम माना जाता है। यह मास भगवान विष्णु का सबसे प्रिय मास है। इसलिए इस मास में पूजा-पाठ और अनुष्ठान करने से भक्तों की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और उन्हें कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसी प्रकार कुंडली में शनि साढ़े साती और ढैय्या व्यक्ति को बहुत परेशान कर सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में कार्तिक मास के पहले शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने से व्यक्ति को बहुत लाभ होगा। 15 सितम्बर के दिन कार्तिक मास का पहला शनिवार पड़ रहा है। इसलिए इस दिन व्यक्ति को शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए कुछ उपाय अवश्य करना चाहिए।
शनिवार के दिन करें ये उपाय (Shaniwar Upay)
बता दें कि व्यक्ति की कुंडली में शनि यदि अशुभ स्थान पर रहता है तो उसे कई प्रकार के नुकसान का सामना कर सकता है। इसलिए कार्तिक मास के पहले शनिवार के दिन सबसे नजदीक के शनि मन्दिर में जाएं और शनि देव को तिल का तेल निश्चित रूप से अर्पित करें। ऐसा करने से व्यक्ति को बहुत लाभ होगा। इसके साथ इस दिन शनि देव के विशेष मंत्रों का जाप भी निश्चित रूप से करें।
शनि देव के मंत्र
ॐ शं शनैश्चाराय नमः ।।
ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम ।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् ।।
ॐ काकध्वजाय विद्महे खड्गहस्ताय धीमहि,
तन्नो मन्दः प्रचोदयात।।
इन राशियों पर है शनि की विशेष दृष्टि
ज्योतिष विद्वानों के अनुसार इस समय 5 ऐसी राशियां हैं जिनपर शनि की विशेष दृष्टि है। धनु, मकर, और कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है और मिथुन व तुला राशि पर शनि ढैय्या। इस स्थिति में इन राशियों को बताए गए उपाय का पालन जरूर करना चाहिए।