- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- दुर्वा घास का तिलक...
![दुर्वा घास का तिलक बनाता है धन का महायोग दुर्वा घास का तिलक बनाता है धन का महायोग](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/08/14/3306527-32.webp)
x
धन का महायोग
धार्मिक ग्रंथो एवं पुराणों में दुर्वा घास को बहुत ही चमत्कारिक माना गया है। सफेद गाय का दूध तथा दुर्वा घास को मिलाकर उसका तिलक करने से भी धन का योग बनता है तथा व्यक्ति को धन प्राप्ति होती है।
कहा जाता है की यह समुद्र मंथन से मिली थी, अतः यह लक्ष्मी जी की छोटी बहन है। दूर्वा गणेश जी को प्रिय है। वाल्मिकी रामायण में श्री राम जी का रंग दुर्वा की तरह बताया गया है। पंचदेव उपासना में दुर्वा का महत्वपूर्ण स्थान है। यह गणपति और दुर्गा दोनों को अतिप्रिय है। पुराणों में कथा है कि पृथ्वी पर अनलासुर राक्षस के उत्पात से त्रस्त ऋषि-मुनियों ने इंद्र से रक्षा की प्रार्थना की। इंद्र भी उसे परास्त न कर सके। देवतागण शिव के पास गए। शिव ने कहा इसका नाश सिर्फ गणेश ही कर सकते हैं। देवताओं की स्तुति से प्रसन्न होकर श्रीगणेश ने अनलासुर को निगल लिया। जब उनके पेट में जलन होने लगी तब ऋषि कश्यप ने 21 दुर्वा की गांठ उन्हें खिलाई और इससे उनकी पेट की ज्वाला शांत हुई। दुर्वा गहनता और पवित्रता की प्रतीक है। इसे देखते ही मन में ताजगी और प्रफुल्लता का अनुभव होता है। शाक्तपूजा में भी भगवती को दुर्वा अर्पित की जाती है।
![SANTOSI TANDI SANTOSI TANDI](/images/authorplaceholder.jpg?type=1&v=2)
SANTOSI TANDI
Next Story