धर्म-अध्यात्म

माघ माह में मानाए जाते हैं तिल के तीन त्योहार, जानें कैसे

Subhi
27 Jan 2022 2:33 AM GMT
माघ माह में मानाए जाते हैं तिल के तीन त्योहार, जानें कैसे
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हिंदू धर्म में तिल का विशेष महत्व है। मान्यता है कि तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के पसीने से हुई है, इसलिए इसे मोक्ष दायक माना जाता है। तिल का तर्पण के पूजन में विशेष रूप से प्रयोग होता है।

हिंदू धर्म में तिल का विशेष महत्व है। मान्यता है कि तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के पसीने से हुई है, इसलिए इसे मोक्ष दायक माना जाता है। तिल का तर्पण के पूजन में विशेष रूप से प्रयोग होता है। गरूड़ पुराण में तिल और गंगाजल से किए गए तर्पण को मुक्तिदायक कहा गया है। साथ ही माघ माह में तिल का विशिष्ट महत्व है। माघ माह में तिल से पूजन और दान करने से सभी तरह के कष्टों के नाश होता है। इस माह में तिल खाने और पूजन में चढ़ाने के साथ तिल से स्नान करने और हवन करने का भी विधान है। माघ माह में तिल से संबंधित तीन त्योहार मानाए जाते हैं। जिनमें तिल के विशेष उपाय करने का विधान है। आइए जानते हैं उन त्योहारों और उनके विधान के बारे में....

1-संकष्टी तिल चतुर्थी

माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथी को संकष्टी तिल चतुर्थी कहा जाता है। इस साल ये व्रत 21 जनवरी को था। इस दिन भगवान गणेश और माता पार्वती की विशेष पूजा और व्रत का विधान है। पूजा में गणेश जी को तिल के लड्डू और तिल से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। तिल चतुर्थी का व्रत माताएं अपनी संतानों के जीवन के संकट को दूर करने के लिए रखती हैं। इसलिए इसे संकटा तिल चौथ या सकट पूजा भी कहा जाता है।

2-षट्तिला एकादशी

माघ माह की पहली एकादशी तिथि को ही षट्तिला एकादशी कहा जाता है। इस साल ये पूजन 28 जनवरी, शुक्रवार के दिन होगा। पद्म पुराण में इस एकादशी पर तिल का 6 तरह से उपयोग करने का विधान है। इनमें तिल का उबटन, तिल से स्नान करने, तिल का नैवेद्य चढ़ाना, तिल खाना, तिल से हवन और तिल का दान किया जाता है। इसलिए इसे षट्तिला एकादशी कहते हैं।

3-तिल द्वादशी

माघ महीने के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। इस साल तिल द्वादशी का पूजन 29 जनवरी को किया जाएगा। नारद और पद्म पुराण में बताया गया है, इस दिन तिल मिले जल से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।साथ ही तिल से बनी मिठाइयों का भोग लगाया जाता है।


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