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बड़ी किस्मत वालों को मिलती हैं ऐसी महिलाएं, परिवार का रखती हैं पूरा ख्याल
आचार्य चाणक्य के नीति शास्त्र में जीवन से संबंधित बहुत ही महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में निजी जीवन, नौकरी, व्यापार, रिश्तें, मित्रता, शत्रु आदि जीवन के विभिन्न पहलुओ पर अपने विचार साझा किए हैं। आज के समय में लोगों को इनकी बताई गई बातें भले ही कठोर लगती हैं लेकिन ये बातें व्यक्ति को सही और गलत का भेद बताती हैं। आचार्य चाणक्य की नीतियां व्यक्ति को जीवन में सफल बनने के लिए प्रेरित करती है। आज भी आचार्य चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है। ये एक कुशल राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ और रणनीतिकार होने के साथ ही अर्थशास्त्र के मर्मज्ञ भी थे। विभिन्न विषयों की गहरी समझ होने के कारण ये कौटिल्य भी कहलाते हैं। आचार्य चाणक्य ने मानव समाज के कल्याण से संबंधित कई जरूरी बातें बताई हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार स्त्रियां बहुत ही नाजुक मानी जाती हैं। उनकी संवेदनशीलता इतनी होती है कि वो हर बात पर रोने लगती हैं चाहे वह खुशी की बात हो या दुख की। आचार्य चाणक्य का कहना है ऐसी महिलाएं किसी से कम नहीं होती हैं। चिल्लाने और रोने वाली महिलाओं का चरित्र थोड़ा अजीब होता है लेकिन जिसका भी विवाह ऐसी महिला के साथ होता है तो उसके नसीब खुल जाते हैं। आइए जानते हैं ऐसी महिलाओं में क्या गुण होते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार महिलाओं के अंदर पुरुषों की अपेक्षा सहनशीलता अधिक होती है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार महिलाओं के अंदर पुरुषों की अपेक्षा सहनशीलता अधिक होती है। ऐसे में जब भी कोई स्त्री बात-बात पर रोती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह मनहूस है बल्कि हर व्यक्ति को ऐसी महिला की कदर करनी चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसी स्त्रियां सच्चे विचार वाली मानी जाती हैं।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक जो स्त्रियां बात-बात पर रो जाती हैं, वो परिवार के लिए बहुत ही अच्छी मानी जाती हैं।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक जो स्त्रियां बात-बात पर रो जाती हैं, वो लड़कियां अपने प्रेमी या पति से कभी दूर नहीं होना चाहती हैं। ऐसी स्त्रियां परिवार के लिए बहुत ही अच्छी मानी जाती हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसी स्त्रियों को कभी खोना नहीं चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार कोमल हृदय वाली स्त्रियां हर किसी की भावनाओं की कद्र भी करती हैं। ऐसी स्त्रियों को कभी खोना नहीं चाहिए।
जो स्त्री गलती न होने पर भी रोने लगे उसके अंदर ममत्व की भावना रहती है।
आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र के अनुसार जो स्त्री गलती न होने पर भी रोने लगे उसके अंदर ममत्व की भावना रहती है और अपने इसी गुण के कारण वह स्त्री परिवार को जोड़ कर चलती है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि महिलाओं के रोने और चिल्लाने से कई तरह की गंभीर बीमारियां खत्म हो जाती हैं।