धर्म-अध्यात्म

ईश्वर के नजदीक जानें की चाह रखने वाले ये सत्य कथा जरूर पढ़ें

HARRY
20 May 2023 1:09 PM GMT
ईश्वर के नजदीक जानें की चाह रखने वाले ये सत्य कथा जरूर पढ़ें
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एक बार पैसों की तंगी होने के
Religious Context: छात्र जीवन में स्वामी रामतीर्थ को दूध बड़ा प्रिय था। वह एक दुकान से प्रतिदिन दूध लिया करते थे। एक बार पैसों की तंगी होने के कारण एक महीने के दूध का दाम दुकानदार को नहीं दे पाए। इसके कुछ ही दिनों बाद उनकी लाहौर के एक कॉलेज में अध्यापक के पद पर नियुक्ति हो गई और उन्हें नियमित वेतन मिलने लगा। तब वह प्रतिमाह दुकानदार को मनीऑर्डर से रकम भेजने लगे।
संयोग से उस दुकानदार को लाहौर जाना पड़ा और उसकी मुलाकात स्वामी जी से हुई।
वह उनसे हाथ जोड़कर बोला, ‘‘आपसे एक ही महीने का पैसा आना था, लेकिन आप तो पिछले कई महीनों से पैसे भेज रहे हैं। मैं आपके बाकी के सभी जमा पैसे लौटा रहा हूं और आगे से आप पैसे न भेजा करें।’’
स्वामी जी ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘भाई, मैं आपका बहुत अहसानमंद हूं। आपके कारण ही मेरा स्वास्थ्य अच्छा रहा और मैं यहां तक पहुंच पाया हूं। कर्ज तो उतर जाता है लेकिन अहसान कभी नहीं उतरता। जो व्यक्ति जितना लेते हैं, उतना नाप-तोल कर देते हैं, तो वे मनुष्य हैं। जो थोड़ा लेकर उसका अहसान मानते हैं और उसे बिना नाप-तोल के चुकाने का प्रयास करते हैं, वे ईश्वर के निकट पहुंचते हैं।
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