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धर्म-अध्यात्म
आचार्य चाणक्य की कही वो बातें जीवन की सच्चाई से कराती हैं वाकिफ
Tara Tandi
23 Jun 2021 12:09 PM GMT
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आचार्य चाणक्य ने जीवनभर संघर्ष किया लेकिन उन्होंने खुद को कभी भी परिस्थितियों के सामने झुकने नहीं दिया
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आचार्य चाणक्य प्रकांड विद्वान थे और अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीति आदि तमाम विषयों में उन्हें विशेषज्ञता हासिल थी. आचार्य ने अपना जीवन बहुत कठिनाइयों में गुजारा. लेकिन वे कभी परिस्थितियों के सामने झुके नहीं, बल्कि बारीकी से उनका अध्ययन करते रहे और जीवन भर कुछ न कुछ सीखते रहे. आचार्य ने अपने अनुभवों से तमाम लोगों का भला किया. उन्होंने चाणक्य नीति नामक ग्रंथ में भी मानव कल्याण से जुड़ी ऐसी तमाम बातों का जिक्र किया है जो आज के परिवेश में भी हर किसी के लिए उपयोगी हैं और लोगों का विपरीत समय में मार्गदर्शन करती हैं.
दुर्जनस्य च सर्पस्य वरं सर्पो न दुर्जनः
सर्पो दंशति काले तु दुर्जनस्तु पदे पदे
आचार्य इस श्लोक के माध्यम से बताते हैं कि काले सर्प से भी ज्यादा घातक दुर्जन व्यक्ति है. सर्प सिर्फ खतरा महसूस होने पर ही आपको डसता है, लेकिन दुर्जन व्यक्ति आपको हर हाल में नुकसान ही पहुंचाता है. आपको गलत राह दिखाता है और आपके मान सम्मान को कम कराता है. इसलिए ऐसी संगति से हमेशा दूर रहें.
त्यजन्ति मित्राणि धनैर्विहीनं पुत्राश्च दाराश्च सुहृज्जनाश्च
तमर्शवन्तं पुनराश्रयन्ति अर्थो हि लोके मनुषस्य बन्धु:
मित्र, स्त्री, पुत्र, भाई-बंधु, नौकर चाकर सभी लोग किसी व्यक्ति के साथी तभी तक होते हैं, जब तक उसके पास पर्याप्त धन होता है. धन समाप्त होने पर ये लोग भी उससे दूर होने लगते हैं और धन वापस आने पर फिर से वापस आ जाते हैं. इसलिए संसार में व्यक्ति का सच्चा साथी धन ही है.
अन्यायोपार्जितं वित्तं दशवर्षाणि तिष्ठति
प्राप्ते चैकादशे वर्षे समूलं तद् विनश्यति
हालात जो भी हों, लेकिन कभी भी गलत ढंग से धन को नहीं कमाना चाहिए. गलत तरीके से कमाया हुआ धन 10 वर्षों से ज्यादा समय तक नहीं टिक पाता. 11वां साल शुरू होते ही वो ब्याज और मूल समेत नष्ट हो जाता है.
प्रलये भिन्नमार्यादा भविंत किल सागर:
सागरा भेदमिच्छन्ति प्रलेयशपि न साधव:
समुद्र को धैर्यवान माना जाता है, लेकिन जब प्रलय आती है तो समुद्र भी अपनी सीमाओं को लांघ जाता है. लेकिन सज्जन व्यक्ति का धैर्य विपत्ति के समय भी समाप्त नहीं होता. उनका संयम ही भविष्य में उनके बड़े व्यक्तित्व का कारण बनता है.
TagsChanakya Niti
Tara Tandi
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