धर्म-अध्यात्म

इस सालरक्षाबंधन पर बन रहे हैं दो शुभ योग

Tara Tandi
28 July 2021 10:47 AM GMT
इस सालरक्षाबंधन पर बन रहे हैं दो शुभ योग
x
भाई और बहन के बीच प्रेम का पर्व रक्षाबंधन हर वर्ष हिन्दू कैलेंडर के श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को होता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भाई और बहन के बीच प्रेम का पर्व रक्षाबंधन हर वर्ष हिन्दू कैलेंडर के श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को होता है। इस बार सावन माह की पूर्णिमा तिथि 22 अगस्त दिन रविवार को है। ऐसे में इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार 22 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके सुखी एवं दीर्घायु जीवन की कामना करती हैं, वहीं भाई बहनों को उपहार के साथ जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देते हैं। पौराणिक कथाओं में भी रक्षाबंधन के अलग अलग स्वरुपों के बारे में जानकारी मिलती है। इस वर्ष रक्षाबंधन पर दो शुभ योग बन रहे हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।

सावन पूर्णिमा 2021 तिथि

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, सावन मास की पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त दिन शनिवार को शाम 7 बजे से प्रारंभ हो रही हैं, वहीं इसका समापन 22 अगस्त दिन रविवार को शाम 05 बजकर 31 मिनट पर होगा। उदयातिथि 22 अगस्त को प्राप्त है, इसलिए रक्षाबंधन का त्योहार 22 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा।

रक्षाबंधन पर दो शुभ योग

इस रक्षाबंधन पर दो शुभ योग बन रहे हैं। पहला है शोभन योग। 22 अगस्त को सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक शोभन योग बना हुआ है। शोभन योग को मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है। ऐसे में सुबह 10:34 बजे तक राखी बंधवा लेना उत्तम रहेगा। इस समय काल में आप यात्रा करके बहन के यहां भी जाते हैं तो यह शुभकारी रहेगा।

रक्षाबंधन पर दूसरा योग बन रहा है धनिष्ठा नक्षत्र का। रक्षा बंधन के दिन धनिष्ठा नक्षत्र शाम को 07 बजकर 40 मिनट तक है। धनिष्ठा का स्वमी ग्रह मंगल है। धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे लोगों का अपने भाई और बहन से विशेष प्रेम होता है। इस आधार पर रक्षाबंधन का धनिष्ठा नक्षत्र में होना, भाई और बहन के आपसी प्रेम को बढ़ाने वाला होगा

22 अगस्त को प्रात: 06 बजकर 15 मिनट से शाम 05 बजकर 31 मिनट के मध्य बहनें कभी भी राखी बांध सकती हैं।

राखी बांधने का मंत्र

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।

तेन त्वामनुबध्नाभि रक्षे मा चल मा चल।।

राखी बांधते समय बहन को यह मंत्र अवश्य ही पढ़ना चाहिए।

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्स माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''

Next Story