धर्म-अध्यात्म

भगवान शिव की इस पूजा से मिलता है सुख-समृद्धि का वरदान, पूरी होती हैं मनोकामनाएं

Gulabi
8 Nov 2021 12:09 PM GMT
भगवान शिव की इस पूजा से मिलता है सुख-समृद्धि का वरदान, पूरी होती हैं मनोकामनाएं
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भगवान शिव की पूजा

सनातन परंपरा में भगवान शिव की पूजा अत्यंत सरल मानी गई है. औढरदानी भगवान शिव ऐसे देवता हैं जो मात्र एक लोटा जल या फिर पत्तियों को चढ़ाने मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं. महादेव को मनाने के लिए आप किसी भी दिन उनकी पूजा कर सकते हैं, लेकिन उनकी साधना आराधना के लिए श्रावण मास और प्रदोष तिथि और सोमवार का दिन अत्यंत शिव माना गया है. मान्यता है कि इन दिनों शिव की साधना-आराधना करने पर उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं कल्याण के देवता माने जाने वाले भगवान शिव की पूजा से जुड़े सरल एवं प्रभावी उपाय, जिन्हें करते ही जीवन से जुड़े बड़ा से बड़ा कष्ट दूर होता है.


गाय का दूध चढ़ाने दूर होंगे सारे दु:ख
शिव की पूजा में गाय का दूध चढ़ाने का बहुत महत्व है. मान्यता है कि यदि आप किसी रोग-शोक से पीड़ित चल रहे हैं तो आप उससे मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव को गाय का कच्चा दूध जरूर चढ़ाएं, लेकिन गंगा जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का प्रयोग न करें. भगवान शिव की पूजा के इस उपाय से अच्छी सेहत का वरदान प्राप्त होता है.

गंगा जल से पूरी होगी मनोकामना
भगवान शिव ने जिस मोक्षदायिनी गंगा को अपनी जटाओं में आश्रय दे रखा है, उनका शिव पूजन में बहुत महत्व है. मान्यता है कि सोमवार के दिन भगवान शिव को गंगाजल को चढ़ाने मात्र से ही जीवन से जुड़े सारे दोष दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

शिव पूजा से दूर होगी शनि की सनसनी
यदि आप शनि संबंधी दोष से पीड़ित हैं और आपके उपर शनि की ढैय्या या फिर साढ़ेसाती चल रही है या फिर कुंडली में कालसर्प योग है, तो आपको इन सभी से मुक्ति पाने के लिए विशेष रूप से भगवान शिव की साधना करनी चाहिए. मान्यता है कि विधि-विधान से शिव साधना करने पर शीघ्र ही शनि दोष से मुक्ति मिल जाती है.

शत्रुओं पर विजय पाने के लिए करें ये उपाय
यदि आपको हमेशा ज्ञात या अज्ञात शत्रुओं से खतरा बना रहता है तो आपको ऐसे संकट या फिर कहें भय को दूर करने के लिए शिव की साधना विशेष रूप से करना चाहिए. शत्रुओं पर विजय पाने और उनसे जुड़े भय को दूर करने के लिए शिव की पूजा में महामृत्युंजय का मंत्र रुद्राक्ष की माला से जपना चाहिए.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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