धर्म-अध्यात्म

इस बार सावन में शिव जी के साथ भगवान विष्णु भी बरसाएंगे अपनी कृपा

HARRY
9 Jun 2023 6:49 PM GMT
इस बार सावन में शिव जी के साथ भगवान विष्णु भी बरसाएंगे अपनी कृपा
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श्रावण मास का महत्व और पूजा विधि...
सावन २०२३ | इस बार महादेव का प्रिय महीना सावन बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि यह 30 नहीं बल्कि करीब 59 दिन का होने वाला है। ऐसे में शिव जी की कृपा पाने के लिए इस बार भक्तों के पास पूरे दो महीने का समय है। इसके अलावा इस साल सावन में भोलेनाथ के साथ जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु भी अपनी कृपा बरसाएंगे। दरअसल, इस साल सावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से हो रही है। यह महीना 31 अगस्त 2023 को समाप्त होगा। वहीं इस बार 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास रहने वाला है। धर्म शास्त्रों के अनुसार अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं। ऐसे में इस बार सावन में शिव जी के साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी। तो चलिए जानते हैं श्रावण मास का महत्व और पूजा विधि...
सावन का महीना शिव को बेहद प्रिय है। जो व्यक्ति इस पूरे में पूरे भक्ति-भाव से शिव जी की आराधना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा यदि कोई जातक सावन के सोमवार का व्रत करता है उसके वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
सावन के महीने में की गई पूजा से भगवान भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं, इसलिए शिव जी को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर धतूरा, बेलपत्र चावल चंदन, शहद आदि जरूर चढ़ाएं।
सावन माह में प्रत्येक सोमवार को शिव जी पूजा की जाती है।
मान्यता है कि सावन में भगवान शंकर की पूजा व सोमवार व्रत से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सावन में प्रत्येक सोमवार को सुबह स्नान आदि कर साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
इसके बाद अपने दाहिने हाथ में जल लेकर सावन सोमवार व्रत का संकल्प लें।
फिर भोलेनाथ पर गंगा जल चढ़ाएं।
ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए शिव जी का जल से अभिषेक करें।
भगवान शिव को अक्षत, सफेद फूल, सफेद चंदन, भांग, धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र अर्पित करें।
आखिर में शिव चालीसा और आरती जरूर पढ़ें।
शास्त्रों के अनुसार इस माह में दिन के समय सोने से बचना चाहिए। वहीं खाने में बैंगन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि बैंगन को अशुद्ध माना जाता है। साथ भगवान शिव की पूजा में केतकी के फूल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
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