धर्म-अध्यात्म

इस बार व्रत और रोजे साथ-साथ रखे जाएंगे 2 अप्रैल से नवरात्र और 3 से रमजान

Kajal Dubey
28 March 2022 4:46 AM GMT
इस बार व्रत और रोजे साथ-साथ रखे जाएंगे 2 अप्रैल से नवरात्र और 3 से रमजान
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हिंदू और मुस्लिम समुदाय की ओर से इस बार व्रत और रोजे साथ-साथ रखे जाएंगे।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू और मुस्लिम समुदाय की ओर से इस बार व्रत और रोजे साथ-साथ रखे जाएंगे। क्योंकि चैत्र नवरात्र 2 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं जबकि 3 अप्रैल से रमजान शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही रविवार 10 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी। कई साल बाद इस बार रामनवमी के दिन पुष्य नक्षत्र और कर्क राशि का संयोग बन रहा है। इस बीच शहर में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा हिंदू नववर्ष को लेकर शहर में शोभायात्रा की तैयारियां शुरू हो गई है। भारतीय सनातनी नववर्ष 2079 शुरू होने के साथ ही 2 अप्रैल को चैत्र नवरात्र भी शुरू होंगे।

चैत्र योग में शुरू हो रहे नवरात्र के इन 9 दिनों में 5 सर्वार्थसिद्धि योग और एक रवि पुष्य योग के साथ अन्य विशेष योगों का शुभ अवसर आएगा। उधर, दो साल बाद माता के मंदिरों में भक्तों के मेले भरेंगे। वहीं, घरों में महिलाएं मां दुर्गा के स्वागत की तैयारियों को अंतिम रूप दे रही हैं। ज्योतिषविदों ने बताया कि इस बार मां दुर्गा शनिवार को घोड़े की सवारी पर पधारेंगी। घोड़ा युद्ध का संकेत देता है। इसका मतलब आने वाला वर्ष सत्ता और सियासत वाला रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार महानवमी यानि रविवार को माता रानी भैंसे पर बैठकर प्रस्थान करेंगी। भैंसे पर सवार होकर प्रस्थान करने का मतलब है दुख, संकट और रोगों को अपने साथ लेकर जाएंगी।
हिंदी पंचांग के अनुसार एक साल में चार बार आते हैं नवरात्र
हिन्दी पंचांग के अनुसार एक साल में माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में चार बार नवरात्र आते है । इनमें से माघ और आषाढ़ माह की नवरात्र गुप्त होती है। वहीं इस बार चैत्र नवरात्र की शुरूआत 2 अप्रैल से हो रही है। जिसे लेकर लोगों की ओर से भी सारी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। इस दौरान धार्मिक आयोजन भी आयोजित किए जाते है। नवरात्र को लेकर लोगों में विशेष उत्साह रहता है। जगह-जगह पांडाल सजाकर मां दुर्गा की स्थापना की जाती है। नौ दिन तक धार्मिक आयोजन होते हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग का संबंध लक्ष्मी से, रवियोग में मिलती है समस्त दोषों से मुक्ति
चैत्र नवरात्र में रवि पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग का शुभ योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग का संबंध मां लक्ष्मी से होता है। रवियोग में समस्त दोषों से मुक्ति मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर किसी के लिए सर्वार्थ सिद्धि योग को बेहद शुभ माना गया है। इस साल चैत्र नवरात्र के 9 दिनों में से 7 दिन शुभ योग बन रहे हैं। 3 अप्रैल को सर्वार्थसिद्धि व राजयोग, 4 को रवि योग, 5 को सर्वार्थसिद्धि, रवि और कुमार योग, 6 को सर्वार्थसिद्धि, कुमार व रवि योग, 7 को रवि योग, 8 को सर्वार्थसिद्धि, 10 अप्रैल सर्वार्थसिद्धि, रवि पुष्य योग रहेंगे।
ऐसे करें पूजा विधि
नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्दी स्नान के बाद मंदिर साफ करके फूलों से सजाएं। सभी देवी-देवताओं का आह्वान करें। पूजा की शुरुआत में गणेश जी की आराधना अवश्य करें। पाट पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। उसके मध्य अक्षत की एक ढेरी बनाएं, अक्षत के ऊपर जल से भरा कलश स्थापित करें। कलश पर स्वास्तिक बनाकर नाड़ा बांधें। कलश में साबुत सुपारी, सिक्का, हल्दी की गांठ, दुर्वा, अक्षत और आम के पत्ते डालें। नारियल पर चुनरी लपेटकर अक्षत की ढेरी पर रख दें। देवी का आह्वान कर धूप-दीप से पूजा करें। फिर मां को भोग लगाएं।


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