धर्म-अध्यात्म

चौथ माता का यह मंदिर राजस्थान में बसा हुआ है ,पति संग कर आए दर्शन

jantaserishta.com
1 Nov 2023 6:59 AM GMT
चौथ माता का यह मंदिर राजस्थान में बसा हुआ है ,पति संग कर आए दर्शन
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ज्योतिष न्यूज़ : कैलेंडर के अनुसार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है, जो विवाहित महिलाओं के लिए विशेष होता है। इस साल यह व्रत आज यानी 1 नवंबर, बुधवार को मनाया जा रहा है। दिन में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को पूजा करने के बाद चंद्रमा को देखकर अपने पतियों को जल अर्पित करती हैं। इसके बाद पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत तोड़ती हैं।

करवा चौथ पर माता पार्वती, भगवान शिव, श्री गणेश के साथ चंद्र देव की पूजा की जाती है इसके अलावा कई जगहों पर आज के दिन चौथ माता की पूजा होती है आपको बता दें कि चौथ माता, देवी गौरी का ही एक स्वरूप है। वैसे तो चौथ माता के कई छोटे बड़े मंदिर है लेकिन राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा गांव में देवी का सबसे पुराना मंदिर बना हुआ है

यहां पर दूर दूर से सुहागिनें अपने पति की लंबी आयु और उनकी रक्षा के लिए प्रार्थना करने आती है मान्यता है कि यहां माता के दर्शन व पूजन करने से सुख सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा चौथ माता के सबसे पुराने मंदिर के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।

चौथ माता का मंदिर—
आपको बता दें कि देश में चौथ माता का यह मंदिर सबसे पुराना है जो कि राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के बरवाड़ा शहर में है। यहां पर शादीशुदा जोड़े माता के दर्शन और पूजन के लिए दूर दूर से आते हैं माना जाता है कि चौथ माता की पूजा और दर्शन से वैवाहिक जीवन के तनाव दूर हो जाते हैं और सुख समृद्धि व सौभाग्य में वृद्धि होती है। चौथ माता के इस मंदिर की स्थापना साल 1451 में हुई थी जिसे राजा भीम सिंह ने बनवाया था। माता के दर्शन के लिए यहां भक्तों को 700 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।

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