धर्म-अध्यात्म

हनुमान जयंती के दिन बन रहा है ये खास योग, जान लें पूजन का शुभ मुहूर्त

Tulsi Rao
15 April 2022 6:18 PM GMT
हनुमान जयंती के दिन बन रहा है ये खास योग, जान लें पूजन का शुभ मुहूर्त
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बजरंगबली मे अपनी सच्ची भक्ति से यह सिद्ध कर दिया कि भगवान राम से बड़ा उनका नाम है, उनकी भक्ति है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन धूमधाम से देशभर में हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है. हनुमान जी का जन्म मंगलवार के दिन हुआ था इसलिए मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है. श्री राम के जन्म के ठीक 6 दिन बाद रुद्रावतार पवनपुत्र हनुमान का जन्म हुआ था. बजरंगबली मे अपनी सच्ची भक्ति से यह सिद्ध कर दिया कि भगवान राम से बड़ा उनका नाम है, उनकी भक्ति है.

इस बार हनुमान जयंती 16 अप्रैल के दिन पड़ रही है. मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने और व्रत आदि करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है. बता दें कि हनुमान जंयती के दिन विशेष योग बन रहे हैं. आइए जानते हैं इन विशेष योगों के बारे में.
हनुमान जयंती पर विशेष योग
हिंदू पंचाग के अनुसार इस साल हनुमान जयंती 16 अप्रैल की पड़ रही है. इस दिन रवि योग बन रहा है. रवि योग सभी प्रकार के दोषों को दूर करने और कार्यों को सफलता प्रदान करता है. इस खास दिन सुबह से ही रवि योग बन रहा है. यह प्रात: 5 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर सुबह 8 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. मान्यता है कि इस मुहूर्त में हनुमान जी की पूजा विशेष कल्याणकारी साबित होगी.
वहीं, इस दिन हस्त नक्षत्र सुबह 8 बजकर 40 मिनट तक है, और फिर चित्रा नक्षत्र शुरू हो जाएगा. ये दोनों नक्षत्र मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए अच् माने जाते हैं. 16 अप्रैल को अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. यह इस दिन का शुभ समय है. इस समय कोई भी कार्य करने से उसमें सफलता हासिल करेंगे.
शनिवार के दिन हनुमान जयंती
मंगलवार और शनिवार दोनों ही दिन भगवान हनुमान को समर्पित हैं. साथ ही, इस बार हनुमान जयंती शनिवार के दिन पड़ रही है. जिन लोगों की कुंडली में शनि की महादशी और साढ़ेसाती चल रही है, वे हनुमान जी के आशीर्वाद से कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं. हनुमान जी की पूजा से शनि देव उन लोगों को कभी परेशान नहीं करते. शनि दोष से बचने के लिए इस बार बजरंगबली की विशेष पूजा करें.


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