धर्म-अध्यात्म

स्फटिक रत्न से बना है नागौर का यह खास शिवलिंग

Manish Sahu
27 Aug 2023 2:06 PM GMT
स्फटिक रत्न से बना है नागौर का यह खास शिवलिंग
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धर्म अध्यात्म: हम आपको नागौर के एक ऐसे विशेष शिवलिंग और मंदिर के बारे मे बताने जा रहे है जो बर्फ के शिवलिंग के नाम से जाना जाता है. दरअसल यहां पर बना शिवलिंग स्फटिक रत्न का बना हुआ है. दरअसल स्फटिक रत्न यानि की हजारों वर्षो तक बर्फ का नीचला हिस्सा जो पत्थर का रुप ले लेता है उसे स्फटिक रत्न कहते है. यहां स्टफीक रत्न से ही भूतनाथ मंदिर का शिवलिंग बना हुआ है.
मंदिर के पुजारी प्रवीण दाधिच बताते है कि मंदिर का निर्माण 2012 में हुआ. यहां पर पहले कंटीली झाड़िया और पेड़-पौधे थे. यहां से लोगो को गुजरने में डर लगता था जिसके कारण यहां पर भगवान शिव के मंदिर की स्थापना कर दी. इसी कारण से इस मंदिर को भूतनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.
पुजारी प्रवीण दाधिच बताते है कि स्टफिक रत्न के दर्शनमात्र से हजारों अभिषेक जितना दर्शन मिलता है. स्टफिक को माता लक्ष्मी का स्वरुप भी माना जाता है. शिवपुराण मे भगवान शिव ने ज्योति अर्थात प्रकाश के रुप मे सच्चे भक्तों के लिए स्वयं को स्टफिक रुप मे प्रकट माना है. जिसे ज्योतिर्लिगों के रुप मे माना गया है. यहां तक भी माना जाता है भगवान शिव तथा देवी पार्वती इस पत्थर मे निवास करते है. यह एक प्राकृतिक रत्न है. इसमे मंत्र-जाप की ऊर्जा बनाए रखने की शक्ति है.
भगवान शिव की होती है विशेष कृपा
दाधिच ने बताया कि इस शिवलिंग की पूजा हर कोई कर सकता है. इसकी पूजा से परिवार मे एकता, सद्भावना, आध्यात्मिक उत्थान तथा समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. यहां पर पूजा में गंगाजल या पंचामृत व चंदन, पुष्प मखमल आदि की पूजा करने से भगवान शिव की विशेष अनुकंपा प्राप्त होती है.
स्टफिक रत्न का यह है महत्व
स्टफिक रत्न को कांच मणि भी कहा जाता है. यह बिलोर बर्फ के पठार का एक पारदर्शी रत्न है. स्टफिक शिवलिंग बर्फीले पहाड़ो के नीचे बर्फ के टुकड़े के रुप में पाया जाता है. इसे एक ठंडा रत्न माना जाता है. स्टफिक शिवलिंग सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है. स्टफिक शिवलिंग का पूजा विधान का एक विशेष महत्व है.
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