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धर्म-अध्यात्म
मनुष्य की सबसे प्रिय वस्तु है ये एक चीज, जानें चाणक्य के अनुसार
Gulabi Jagat
4 April 2022 2:29 PM GMT

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चाणक्य नीति
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के द्वारा लिखे गए नीति शास्त्र में व्यक्ति के जीवन से संबंधित बहुत सी महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। आचार्य चाणक्य ने इन नीतियों के माध्यम से नौकरी, रिश्ता, व्यापार, मित्रता के साथ-साथ जीवन के विभिन्न विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए हैं। ऐसे ही आचार्य चाणक्य ने बताया है कि व्यक्ति के लिए सबसे प्रिय वस्तु क्या है।
श्लोक
नास्ति मेघसमं तोयं नास्ति चात्मसमं बलम्।
नास्ति चक्षुसमं तेजो नास्ति चान्नसमं प्रियम्॥
अर्थ
बादल के समान कोई जल नहीं होता। अपने बल के समान कोई दूसरा बल नहीं होता । आंखों के समान कोई ज्योति नहीं होती और अन्न के समान कोई प्रिय वस्तु नहीं होती।
आचार्य चाणक्य ने बताया कि मनुष्य के लिए सबसे जरूरी चीज क्या है? अगर इन चीजों का व्यक्ति ध्यान रखें तो अवश्य ही वह आसानी से खुशहाल जीवन जी सकता है। जिस तरह बादल के जल के समान कोई दूसरा जल नहीं होता है क्योंकि यह जल सबसे शुद्ध माना जाता है। बादल बिना किसी भेदभाव के किसी भी जगह उड़कर चले जाते हैं और अपने पानी से खेत-खलिहान, पेड़-पौधे, नाले- नदियां आदि को जल से भर देते हैं। बादल का जल ही सबसे शक्तिशाली है जो हर जगह कभी भी जा सकता है। इसी प्रकार खुद का बल सबसे ज्यादा शक्तिशाली है क्योंकि जब मनुष्य किसी समस्या में फंसता है तो जरूरी नहीं है कि उसके पास कोई न कोई उपस्थिति रहे। ऐसे में खुद का ही बल काम आता है। इसलिए मनुष्य को खुद के बल के को लेकर हमेशा मजबूत रहना चाहिए। क्योंकि इस बल की आवश्यकता कभी भी किसी भी समय पड़ सकती है।
आंखों की ज्योति से आप हर एक चीज को देख सकते हैं। क्योंकि अगर व्यक्ति के बाद आंखों की ज्योति ही नहीं होगी तो फिर चाहे जितना प्रकाश हो या फिर अंधकार वह उसे देख नहीं सकता है। इसलिए दुनिया की सबसे बड़ी ज्योति सिर्फ आंखें है। वहीं व्यक्ति के लिए अन्न सबसे प्रिय चीज है। क्योंकि अन्न के बिना व्यक्ति अपना जीवन नहीं बिता सकता है। वह कुछ दिन तो पानी के साथ रह सकता है लेकिन अन्न के बिना जीना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है। इसलिए आचार्य चाणक्य ने अन्न को मनुष्य के लिए सबसे जरूरी चीज माना है।
डिसक्लेमर'
इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
Tagsचाणक्य नीति

Gulabi Jagat
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