धर्म-अध्यात्म

घर पर ऐसे करें महाशिवरात्रि की पूजा

Triveni
11 March 2021 5:30 AM GMT
घर पर ऐसे करें महाशिवरात्रि की पूजा
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आज महाशिवरात्रि है। आज के दिन लोग शिव मंदिर में जाकर पूजा करते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेसक | आज महाशिवरात्रि है। आज के दिन लोग शिव मंदिर में जाकर पूजा करते हैं। शिवलिंग का अभिषेक कर आरती और मंत्रोच्चारण करते हैं। इस पूरे दिन व्रत रखा जाता है। महा शिवरात्रि पर रात के 4 प्रहर में पूजा करने का महत्व बहुत ज्यादा है। पहला प्रहर शाम 6 से 9 तक, दूसरा प्रहर रात 9 से 12 बजे तक, तीसरा प्रहर रात 12 से 3 बजे तक और चौथा प्रहर रात 3 बजे से अगले दिन सुबह 6 बजे तक होता है। शिवपुराण के अनुसार, इन चार प्रहरों में महा शिवरात्रि की पूजा करने का महत्व बेहद ही विशेष माना गया है। जो इन 4 प्रहर में पूजा करते हैं उन्हें पूरे वर्ष पुण्य का फल प्राप्त होता है। इस दिन लोग शिव मंदिर में जाकर पूजा करते हैं। लेकिन अगर आप किसी कारणवश मंदिर नहीं जा पा रहे हैं तो आप अपने घर पर ही पूजा कर सकते हैं। आइए पं. मनीष शर्मा से जानते हैं कि घर पर किस तरह शिव जी की पूजा की जा सकती है।

इस तरह घर पर ही करें शिव पूजा:
1. इस दिन सुबह स्नानादि कर निवृत्त हो जाएं। फिर घर के मंदिर में शिव जी की पूजा करें और व्रत का संकल्प लें।
2. इस पूरे दिन व्यक्ति को व्रत करना होता है। साथ ही ऊँ नम: शिवाय का जाप न्यूनतम 108 बार करें। अगर आप व्रत कर रहे हैं लेकिन निराहार नहीं रह सकते हैं वो दूध, फल या फलों के रस का सेवन कर सकते हैं।
3. शाम को सूर्यास्त से पहले आपके फिर से स्नान करना होगा। इसके बाद घर के मंदिर में शिवलिंग की पूजा करें। पूजा में सबसे पहले गणेश जी का नाम लें उसके बाद ही शिव जी का पूजन शुरू करें।
4. इस दौरान आपका मुंक पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
5. शुद्ध जल लें और उसमें थोड़ा सा गंगाजल मिलाएं। इसी जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
6. इसके बाद पंचामृत बनाएं। इसे बनानेके लिए दूध, दही, घी, शहद और शक्कर मिलाएं। इसके बाद पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।
7. इसके बाद एक बार फिर साफ जल से शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर शिवलिंग पर चंदन, फूल, बिल्वपत्र, धतूरा, सुगंधित सामग्री और मौसमी फल अर्पित करें। शिवजी के साथ-साथ माता पार्वती और गणेश जी की पूजा भी करें। इन्हें वस्त्र और फूल अर्पित करें।
8. फिर धूप-दीप जलाएं। इसके बाद भोग लगाएं।
9. फिर ऊँ गं गणपतयै नम:, ऊँ नम: शिवाय, ऊँ गौर्ये नम: मंत्रों का जाप करें।
10. इसके बाद कर्पूर जलाकर आरती करें। फिर शिवजी से जाने-अनजान में हुई गलती के लिए क्षमा मांगे। पूजा होने के बाद भक्तों में प्रसाद वितरित करें। स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें।


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