धर्म-अध्यात्म

ऐसे करें होलिका दहन की पूजा, जानिए पूजन सामग्री के बारे में...

Triveni
28 March 2021 2:02 AM GMT
ऐसे करें होलिका दहन की पूजा, जानिए पूजन सामग्री के बारे में...
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रंग वाली होली के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| रंग वाली होली के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। आज फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि है और आज के दिन ही होलिका दहन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि होलिका दहन से आस-पास के वातावरण में नई एवं सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही लोगों के कष्टों का खात्मा भी होता है। आइए जानते हैं होलिका दहन की पूजन सामग्री, पूजा विधि और इस दिन ध्यान रखने योग्य बातें।

कैसे करें होलिका की तैयारी:
होलिका दहन के कुछ दिन पहले से ही किसी एक स्थान पर पेड़ की टहनियां, गोबर की उप्पलें, सुखी लकड़ियां, घास-फूस आदि इक्ट्ठा की जाती हैं। फिर होलिका दहन के एक दिन पहले वहां सुखी लकड़ियां, उप्पलें आदि रख दिए जाते हैं। ऐसे ही करते-करते होलिका दहन के दिन तक यहां पर सुखी लकड़ियों, उप्पलों आदि का ढेर लग जाता है।
होलिका पूजन सामग्री:
एक लोटा जल, चावल, गन्ध, पुष्प, माला, रोली, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, गेंहू की बालियां आदि।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त:
रविवार 28 मार्च 2021
होलिका दहन मुहूर्त
28 मार्च 2021- शाम 06 बजकर 36 मिनट से लेकर 08 बजकर 56 मिनट तक
कुल अवधि- लगभग 02 घंटे 19 मिनट
होलिका पर ऐसे करें पूजा:
हालिका दहन से पूर्व होलिका की पूजा की जाती है। इस दिन होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके बैठ जाना चाहिए। फिर गणेश और गौरी की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद ओम होलिकायै नम: होलिका के लिए, ओम प्रह्लादाय नम: भक्त प्रह्लाद के लिए और ओम नृसिंहाय नम: भगवान नृसिंह के लिए, जाप किया जाता है। होलिका दहन के समय अग्नि में गेंहू की बालियों को सेंका जाता है। फिर उनको खा लें। कहा जाता है कि इससे व्यक्ति निरोगी रहता है।
इसके बाद बड़गुल्ले की 4 मालाएं ली जाती हैं और इन्हें पितृ, हनुमान जी, शीतला माता और परिवार के लिए चढ़ाई जाती हैं। फिर होलिका की तीन या 7 बार परिक्रमा की जाती है। परिक्रमा करते-करते कच्चा सूत होलिका के चारों ओर लपेटा जाता है। फिर लोटे का जल तथा अन्य पूजा सामग्री होलिका को समर्पित करनी चाहिए। धूप, गंध, पुष्प आदि से होलिका की पूजा करें। फिर अपनी मनोकामनाएं कहें और गलतियों की क्षमा मांगे।


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