धर्म-अध्यात्म

इस दिन है वट सावित्री व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Subhi
12 May 2022 4:32 AM GMT
इस दिन है वट सावित्री व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करके सौभाग्यवती महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करके सौभाग्यवती महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। धार्मिक मान्यताओं में वट सावित्री के व्रत का महत्व करवा चौथ जितना ही बताया गया है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं। पति के सुखमय जीवन और दीर्घायु के लिए वट वृक्ष के नीचे भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करती हैं और वृक्ष के चारों और परिक्रमा करती हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से पति के जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि के साथ लंबी आयु की प्राप्ति होती है। हर साल ये व्रत ज्येष्ठ अमावस्या तिथि के दिन रखा जाता है। इस साल ये व्रत 30 मई 2022, दिन सोमवार को रखा जाएगा। ऐसे में चलिए जानते हैं सावित्री व्रत तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में...

इस दिन बरगद के पेड़ के नीचे सावित्री-सत्यवान और यमराज की मूर्ति रखें। बरगद के पेड़ में जल डालकर उसमें पुष्प, अक्षत, फूल और मिठाई चढ़ाएं। सावित्री-सत्यवान और यमराज की मूर्ति रखें। बरगद के वृक्ष में जल चढ़ाएं। वृक्ष में रक्षा सूत्र बांधकर आशीर्वाद मांगें।

वृक्ष की सात बार परिक्रमा करें। इसके बाद हाथ में काले चना लेकर इस व्रत का कथा सुनें। कथा सुनने के बाद पंडित जी को दान देना न भूलें। दान में आप वस्त्र, पैसे और चने दें। अगले दिन व्रत को तोड़ने से पहले बरगद के वृक्ष का कोपल खाकर उपवास समाप्त करें।


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