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वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि का हिन्दू धर्म और बौध धर्म में बड़ा महत्व है।
वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि का हिन्दू धर्म और बौध धर्म में बड़ा महत्व है। वैशाख पूर्णिमा तिथि को बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा 26 मई दिन बुधवार को है। इस दिन भगवान बुद्ध, भगवान विष्णु और चंद्र देव की आराधना की जाती है। हिन्दू धर्म में भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। आइए जानते हैं कि वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा की तिथि और इसका महत्व क्या है।
वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा तिथि
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 25 मई दिन मंगलवार को रात 08 बजकर 29 मिनट पर प्रारंभ हो रही है, जो 26 मई दिन बुधवार को शाम 04 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। वैशाख पूर्णिमा का व्रत 26 मई को रखा जाएगा और बुद्ध पूर्णिमा भी इसी दिन मनाई जाएगी।
वैशाख पूर्णिमा के दिन विशेष योग
इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा के दिन दो विशेष योग बन रहे हैं। 25 मई को शिव योग रात 10 बजकर 52 मिनट तक है। उसके अगले दिन 26 मई को प्रात: 06 बजकर 01 मिनट से देर रात 01 बजकर 16 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहा है। इस शुभ योग में आप कोई भी कार्य कर सकते हैं।
वैशाख पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण
इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा के दिन इस साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है। यह 26 मई को दोपहर 02:18 बजे से शुरू होकर शाम 07:19 बजे तक रहेगा।
पूर्णिमा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की पूजा की जाती है। इस दिन लोग पूर्णिमा का व्रत भी रखते हैं। भगवान विष्णु और चंद्र देव के आशीष से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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