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धर्म-अध्यात्म
इस दिन है आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी...जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Subhi
22 Sep 2021 3:14 AM GMT
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हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आज से आश्विन मास का प्रारंभ हुआ है। आज आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आज से आश्विन मास का प्रारंभ हुआ है। आज आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी या गणेश चतुर्थी तीन दिन बाद चतुर्थी तिथि को है। अर्थात् आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी 24 सितंबर दिन शुक्रवार को है। इस चतुर्थी को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। एक मास में दो बार चतुर्थी तिथि आती है, जिसमें गणपति की पूजा की जाती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी गणेश चतुर्थी कहा जाता हैं और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। आइए जानते हैं आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी की सही तिथि एवं चंद्र दर्शन के समय के बारे में।
सितंबर की संकष्टी चतुर्थी 2021
हिन्दी पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 24 सितंबर दिन शुक्रवार को प्रात: 08 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है। इसका समापन 25 सितंबर दिन शनिवार को सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर होना है। चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा दोपहर में होती है, ऐसे में आप राहुकाल का ध्यान रखकर गणपति पूजा करें।
संकष्टी चतुर्थी 2021 पूजा मुहूर्त
संकष्टी चतुर्थी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। 24 सितंबर को प्रात: 06 बजकर 10 मिनट से सुबह 08 बजकर 54 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग है। इस दिन राहुकाल दिन में 10 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक है।
इस दिन आप अभिजित मुहूर्त या फिर विजय मुहूर्त में गणेश जी की पूजा कर सकते हैं। इस दिन अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक है। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से दोपहर 03 बजकर 02 मिनट तक है।
संकष्टी चतुर्थी 2021 चंद्र दर्शन का समय
आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन किया जाता है और उसे जल अर्पित किया जाता है। 24 सितंबर के दिन चंद्रमा के उदय होने का समय रात 08 बजकर 20 मिनट पर है। इस समय पर आप चंद्रमा का दर्शन कर सकते हैं।
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