धर्म-अध्यात्म

इस दिन है साल का अंतिम एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Subhi
27 Dec 2021 2:20 AM GMT
इस दिन है साल का अंतिम एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
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हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के व्रत और पूजन का विधान है। साल 2021 समाप्ति की ओर है ऐसे में इस माह में साल की अंतिम एकादशी व्रत 30 दिसंबर को रखा जाएगा।

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के व्रत और पूजन का विधान है। साल 2021 समाप्ति की ओर है ऐसे में इस माह में साल की अंतिम एकादशी व्रत 30 दिसंबर को रखा जाएगा। प्रत्येक हिदीं माह में दो बार एकादशी का व्रत पड़ता है। पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन मान्यता मान कर व्रत रखने से असाध्य कार्यों में भी सफलता मिलती है। इस व्रत के महात्म का वर्णन प्रभु श्री कृष्ण ने स्वयं महाभारत में किया है। आइए जानते हैं सफला एकादशी की तिथि, मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में...

सफला एकादशी की तिथि और मुहूर्त
हिंदी पंचांग के पौष माह की कृष्ण एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। पंचांग गणना के अनुसार पौष माह की एकादशी की तिथि 29 दिसंबर को शाम 04 बजकर मिनट से शुरू हो रही है। जो कि 30 दिसंबर को बजकर मिनट पर समाप्त होगी। एकादशी के सूर्य का उदय 30 दिसंबर को होने के कारण सफला एकादशी का व्रत इस दिन ही रखा जाएगा। व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी पर 31 दिसंबर को होगा।
सफला एकादशी का महत्व
सफला एकादशी अपने नाम के अनुरूप कार्य में सफलता प्रदान करती है। इसके महत्व का वर्णन स्वयं प्रभु श्री कृष्ण ने महाभारत में युधिष्ठिर से किया है। प्रभु ने बताया कि सफला एकादशी का व्रत आसाध्य लक्ष्य को पाने और दुष्कर कार्य करने का सामर्थ्य प्रदान करती है। इस दिन जो भी व्यक्ति मनोरथ मान कर श्री हरि नारायण का व्रत रखता है और पूजन करता है। उसको कार्य में सफलात अवश्य मिलती है। सफला एकादशी का व्रत वाजपेय और अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्रदान करने वाला है।

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