धर्म-अध्यात्म

इस दिन है साल 2022 की पहली सोमवती अमावस्या.....इन कामों को करने से तृप्त होंगे पूर्वज

Bhumika Sahu
22 Jan 2022 4:39 AM GMT
इस दिन है साल 2022 की पहली सोमवती अमावस्या.....इन कामों को करने से तृप्त होंगे पूर्वज
x
इस बार 31 जनवरी को साल की पहली सोमवती अमावस्या है. माघ मास की अमावस्या होने के ​कारण इसका महत्व कहीं ज्यादा बढ़ गया है. इस दिन पितरों के निमित्त कुछ काम करने से उन्हें संतुष्टि मिल सकती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जब अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ती है, तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है. हिन्दू धर्मशास्त्रों में सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) को बेहद शुभ माना गया है. सोमवती अमावस्या के दिन व्रत, पूजन और गंगा स्नान (Ganga Snan) का विशेष महत्व है. महिलाएं इस दिन पति की दीर्घायु के लिए व्रत रहती हैं. वहीं पितृ दोष निवारण के लिए भी ये दिन बहुत ही शुभ माना जाता है. इस बार माघ मास की अमावस्या तिथि 31 जनवरी, सोमवार, दोपहर 02:18 मिनट मिनट पर शुरू होगी और 1 फरवरी मंगलवार को सुबह 11:16 मिनट तक रहेगी. ये साल 2022 की पहली सोमवती अमावस्या है. माघ मास में पड़ने के कारण इसे माघी अमावस्या (Maghi Amavasya) या मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) कहा जाता है.

मौनी अमावस्या को काफी पुण्यदायी माना गया है. सोमवार के दिन मौनी अमावस्या का संयोग होने से इस अमावस्या का महत्व कहीं ज्यादा बढ़ गया है. हालांकि गंगा स्नान के लिए मंगलवार का दिन ज्यादा उत्तम रहेगा, लेकिन सोमवार के दिन आप पितरों के निमित्त कुछ विशेष कार्य जरूर कर सकते हैं.
सोमवती अमावस्या के दिन इन कामों से प्रसन्न होंगे पितर
1. सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त जल में तिल डालकर दक्षिण दिशा की ओर तर्पण करें. अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है. ऐसा करने से उन्हें तृप्ति मिलती है और वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.
2. पीपल के वृक्ष का पूजन करें और पीले रंग के पवित्र धागे को 108 बार परिक्रमा करके बांधें. पीपल के नीचे एक दीपक जलाएं. इससे आपको पितरों की कृपा प्राप्त होगी और आपके परिवार में खुशहाली आएगी.
3. अगर संभव हो तो पीपल का एक पौधा लगाएं और इस पौधे की सेवा भी करें. इससे आपके पितर बेहद प्रसन्न होते हैं. पीपल का पौधा जैसे जैसे बड़ा होगा, आपको अपने पितरों से आशीर्वाद प्राप्त होगा और आपके घर के सारे संकट धीरे धीरे दूर हो जाएंगे. वैसे तो ये पौधा किसी भी अमावस्या को लगाया जा सकता है, लेकिन सोमवती अमावस्या और मौनी अमावस्या का संयोग आसानी से नहीं मिल पाता.
4. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. पूजन से पहले खुद पर गंगाजल जरूर छिड़कें. अगर आप इस दिन पितरों के निमित्त गीता के सातवें अध्याय का पाठ करेंगे, तो इससे उनके कष्ट दूर होंगे और पितर प्रसन्न होंगे.
5. पितरों का ध्यान करते हुए इस दिन दान जरूर करें. आप किसी भी जरूरतमंद को अन्न, वस्त्र आदि कुछ भी दान कर सकते हैं.


Next Story