धर्म-अध्यात्म

इस दिन है सावन का पहला प्रदोष व्रत, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Subhi
4 Aug 2021 3:20 AM GMT
इस दिन है सावन का पहला प्रदोष व्रत, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
x
सावन मास का प्रारंभ हो चुका है। इस मास के प्रदोष व्रत का विशेष महत्व हैं। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।

सावन मास का प्रारंभ हो चुका है। इस मास के प्रदोष व्रत का विशेष महत्व हैं। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। प्रदोष व्रत मास के दोनों कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर रखा जाता है। सावन का पहला प्रदोष व्रत 5 अगस्त को पड़ रहा है। सावन में प्रदोष व्रत रखना बहुत ही मंगलकारी और लाभदायी व्रत माना जाता है। इस व्रत से जातक के सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इससे कुंडली में चंद्र का दोष दूर होता है। भक्त बहुत ही बेसब्री से इस दिन का इंतजार करते हैं। जानिये सावन में प्रदोष व्रत व्रत की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्त

सावन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ : 05 अगस्त की शाम 05 बजकर 09 मिनट से

सावन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि समापन : 06 अगस्त की शाम 06 बजकर 28 मिनट तक

प्रदोष काल : 05 अगस्त के शाम 07 बजकर 09 मिनट से 09 बजकर 16 मिनट तक

प्रदोष व्रत पूजा विधि

सावन प्रदोष व्रत के दिन प्रातः काल स्नान करके सभी दैनिक कार्य से निवृत होकर पूजा के लिए बैठें। उसके बाद शिव मूर्ति और शिवलिंग को स्नान कराएं। इसके मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती को चंदन, पुष्प, अक्षत, धूप, दक्षिणा और नैवेद्य अर्पित करें। प्रदोष काल में शिव की पूजा करने के बाद प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें। इसके बाद भगवान शिव व माता पार्वती की आरती उतारें। पूरे दिन व्रत रखकर फलाहार का पालन करना चाहिए। इस तरह पूजा करने से भगवान शिव की कृपा से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।



Next Story