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इस दिन है संकष्टी चतुर्थी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के प्रिय माह मार्गशीर्ष की शुरुआत हो गई है और हर माह की तरह इसमें भी संकष्टी चतुर्थी का व्रत आता है. जो कि कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है और इस दिन भगवान गणेश का पूजन होता है. इस व्रत में गणेश जी की पूजा के साथ ही चंद्रमा का भी विशेष महत्व है. क्योंकि दिनभर व्रत करने के बाद व्रती रात के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही अपना व्रत खोलते हैं. आइए जानते हैं कब है गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत?
संकष्टी चतुर्थी 2022 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 11 नवंबर को रात 10 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी. इसका समापन 12 नवंबर को रात 8 बजकर 17 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत 12 नवंबर 2022 को रखा जाएगा.
संकष्टी चतुर्थी 2022 शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष माह में आने वाली गणेश चतुर्थी को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है और इस दिन भगवान गणेश जी का पूजन किया जाता है. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 2 मिनट पर से लेकर सुबह 9 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा दोपहर 1 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 8 मिनट तक भी पूजा के लिए उत्तम समय है.
चंद्रोदय का विशेष महत्व
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी का पूजन किया जाता है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्तजन व्रत—उपवास भी करते हैं. दिनभर व्रत करने के बाद रात के समय व्रत खोला जाता है. इस दिन चंद्रोदय का विशेष महत्व होता है क्योंकि रात्रि के समय चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है. इस बार गणाधिश संकष्टी चतुर्थी के दिन रात को 8 बजकर 21 मिनट पर चंद्रोदय होगा.
संकष्टी चतुर्थी का महत्व
हिंदू धर्म में भगवान गणेश जी को प्रथम पूजनीय देवता का स्थान दिया गया है और कहते हैं कि इनका पूजन करने से गणेश जी का आशीवार्द मिलता है. इसलिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत बेहद ही महत्वपूर्ण होता है. इस व्रत को करने से गणेशी जी जातको पर अपनी कृपा बरसाते हैं और सभी कार्य सफलतापूर्वक होते हैं.