धर्म-अध्यात्म

इस दिन है शारदीय नवरात्रि, जाने घटस्थापना का शुभ मुहू्र्त

Subhi
19 Sep 2022 5:20 AM GMT
इस दिन है शारदीय नवरात्रि, जाने घटस्थापना का शुभ मुहू्र्त
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शारदीय नवरात्रि को शुरू होने में अब कुछ दिन ही बाकी हैं। नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना या घटस्थापना की जाती है। मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि के त्योहार का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। इस साल नवरात्रि 26 सितंबर, सोमवार से शुरू हो रहे हैं, जो कि 4 अक्टूबर तक रहेंगे।

शारदीय नवरात्रि को शुरू होने में अब कुछ दिन ही बाकी हैं। नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना या घटस्थापना की जाती है। मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि के त्योहार का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। इस साल नवरात्रि 26 सितंबर, सोमवार से शुरू हो रहे हैं, जो कि 4 अक्टूबर तक रहेंगे। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन यानी 26 सितंबर को घटस्थापना की जाएगी। जानें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त व संपूर्ण विधि-

प्रतिपदा तिथि कब से कब तक-

प्रतिपदा तिथि सितम्बर 26, 2022 को 03:23 ए एम बजे से प्रारंभ होगी, जो कि सितम्बर 27, 2022 को 03:08 ए एम बजे समाप्त होगी।

घटस्थापना शुभ मुहूर्त 2022-

आश्विन घटस्थापना सोमवार, सितम्बर 26, 2022 को

घटस्थापना मुहूर्त - 06:11 ए एम से 07:51 ए एम

अवधि - 01 घंटा 40 मिनट

घटस्थापना अभिजित मुहूर्त - 11:48 ए एम से 12:36 पी एम

अवधि - 48 मिनट

ऐसे करें कलश स्थापना:

कलश की स्थापना मंदिर के उत्तर-पूर्व दिशा में करनी चाहिए और मां की चौकी लगा कर कलश को स्थापित करना चाहिए। सबसे पहले उस जगह को गंगाजल छिड़क कर पवित्र कर लें। फिर लकड़ी की चौकी पर लाल रंग से स्वास्तिक बनाकर कलश को स्थापित करें। कलश में आम का पत्ता रखें और इसे जल या गंगाजल भर दें। साथ में एक सुपारी, कुछ सिक्के, दूर्वा, हल्दी की एक गांठ कलश में डालें। कलश के मुख पर एक नारियल लाल वस्त्र से लपेट कर रखें। चावल यानी अक्षत से अष्टदल बनाकर मां दुर्गा की प्रतिमा रखें। इन्हें लाल या गुलाबी चुनरी ओढ़ा दें। कलश स्थापना के साथ अखंड दीपक की स्थापना भी की जाती है। कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा करें। हाथ में लाल फूल और चावल लेकर मां शैलपुत्री का ध्यान करके मंत्र जाप करें और फूल और चावल मां के चरणों में अर्पित करें। मां शैलपुत्री के लिए जो भोग बनाएं, गाय के घी से बने होने चाहिए। या सिर्फ गाय के घी चढ़ाने से भी बीमारी व संकट से छुटकारा मिलता है।


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