धर्म-अध्यात्म

इस दिन है ज्येष्ठ अमावस्या...जाने इसके पीछे का इतिहास

Subhi
3 Jun 2021 3:35 AM GMT
इस दिन है ज्येष्ठ अमावस्या...जाने इसके पीछे का इतिहास
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हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. इस दिन दान- पुण्य करना लाभदायक होता है.
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. इस दिन दान- पुण्य करना लाभदायक होता है. इस बार अमावस्या 10 जून को पड़ रही है. इस अमावस्या को ज्येष्ठ अमावस्या कहा जाता है. इस अमावस्या का विशेष महत्व है. इस अमावस्या के दिन वट सावित्री, शनि जयंती जैसे त्योहार पड़ रहे हैं. इस दिन पूजा- पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण किया जाता है. आइए जानते हैं इस बार की अमावस्या क्यों है खास. जानिए इस दिन से जुड़ी विशेष बातों के बारे में.

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन साल का पहला सूर्यग्रहण लगेगा जो दोपहर 01 बजकर 42 मिनट से 06 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगा. हालांकि ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा.
ज्येष्ठ अमावस्या का शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि प्रारंभ- दोपहर 01 बजकर 57 मिनट पर
अमावस्या तिथि समाप्त – शाम 04 बजकर 22 मिनट तक रहेगा.
पूजा विधि
अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. अगर आप पवित्र नदी में नहीं जा सकते है तो नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालें.
अमावस्या तिथि क्यों है खास
इस अमावस्या तिथि पर शनि जयंती और वट सावित्री की पूजा की जाती है. वट सावित्री की पूजा हर साल ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं.
शनि जयंती
हर साल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है. इस दिन भगवान शनि का जन्म हुआ था. मान्यता है कि शनि जयंती के दिन विधि- विधान से पूजा करने से शनि दोष का प्रभाव कम हो जाता है. इस दिन पूजा-पाठ करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है. शनिदेव भगवान सूर्य और माता छाया के पुत्र हैं.


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