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दिवाली (Diwali) हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है. मान्यता है कि दिवाली के दिन भगवान श्रीराम वनवास पूरा करके और लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटे थे. इसी खुशी में दिवाली मनाई जाती है. इस दिन लोग दीपक जलाकर खुशियां मनाते हैं. मिठाई बांटते हैं. दिवाली के दिन माता लक्ष्मी (Goddess) और भगवान गणेश (Lord Ganesh) की पूजा भी की जाती है. दिवाली का त्योहार धनतेरस से शुरू होकर भैया दूज तक पांच दिन तक चलता है. हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध, जैन और सिख धर्म के लोग भी दिवाली का त्योहार मनाते हैं. बता दें कि इस साल दिवाली 24 अक्टूबर को है. आइए जानते हैं कि दिवाली पर शुभ मुहूर्त (Diwali Shubh Muhurat) कब है और पूजन विधि क्या है? इस दिवाली पर माता लक्ष्मी को कैसे प्रसन्न किया जा सकता है?
दिवाली पर शुभ मुहूर्त कब है?
बता दें कि इस साल अमावस्या तिथि 24 और 25 अक्टूबर दोनों दिन पड़ रही है. अमावस्या तिथि 25 अक्टूबर को प्रदोष काल से पहले ही समाप्त हो जाएगी. अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में होगी. 24 अक्टूबर को निशित काल में भी अमावस्या तिथि होगी. इसीलिए दिवाली पूरे देश में 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी. जान लें कि 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट पर अमावस्या शुरू होगी जो मंगलवार शाम को 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगी. 24 अक्टूबर को दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक है.
दिवाली पूजन की विधि
दिवाली के दिन पूरे मनोयोग से माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करेंगे तो सुख-समृद्धि मिलेगी. दिवाली के दिन घर साफ होना चाहिए. पूजा घर में लक्ष्मी-गणेश की नई मूर्ति लाकर विराजमान करें. इसके लिए रंगोली बनाएं और पूजा स्थल पर एक चौकी रखें. फिर उसपे लाल कपड़ा बिछा दें. अब इसपर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति विराजमान करें. चौकी के पास जल का एक कलश भी रखें. इसके बाद माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति को तिलक लगाएं. फिर दीपक जलाएं. इसके बाद जल, अक्षत, मौली, गुड़, फल और हल्दी अर्पित करें. अब माता लक्ष्मी की प्रार्थना करें. ध्यान रहे कि दिवाली पर पूजा परिवार के सभी सदस्यों को मिलकर करनी चाहिए.