धर्म-अध्यात्म

इस दिन है अचला सप्तमी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Subhi
6 Feb 2022 2:09 AM GMT
इस दिन है अचला सप्तमी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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अचला सप्तमी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी मनाते हैं। अचला सप्तमी को रथ सप्तमी, भानु सप्तमी और अरोग्य सप्तमी के नाम से जानते हैं।

अचला सप्तमी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी मनाते हैं। अचला सप्तमी को रथ सप्तमी, भानु सप्तमी और अरोग्य सप्तमी के नाम से जानते हैं। इस दिन सूर्य देव की पूजा करते हैं और उनको जल का अर्घ्य देते हैं। मान्यता है कि इस दिन अगर भक्त पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ पूजा करते हैं तो सूर्यदेव की कृपा से रोग दूर होता है, धन-धान्य में वृद्धि होती है। मान्यता है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सूर्य देव अपने सात घोड़े वाले रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे और पूरी सृष्टि को प्रकाशित किया था। जिस कारण से ही हर साल माघ मास ही शुक्ल सप्तमी को अचला सप्तमी या सूर्य जयंती के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं अचला सप्तमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में।

सूर्य पूजा का शुभ मुहूर्त

सूर्य पूजा का मुहूर्त आरंभ: प्रात: 05:22 मिनट से

सूर्य पूजा का मुहूर्त समाप्त: प्रात: 07:06 मिनट तक

अचला सप्तमी के दिन गंगा स्नान करना का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान सूर्य की उपासना करने और व्रत नियमों का पालन करने से पापों से मु्क्ति मिलती है। अचला सप्तमी के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करने से सभी प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है और आरोग्य होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि कोई साधक इस दिन फलाहार करके ही सूर्य देव की आराधना करता है तो उस व्यक्ति को पूरे साल इस व्रत का शुभ फल प्राप्त होता है। इस दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए आप आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।

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