धर्म-अध्यात्म

इस चैत्र नवरात्रि जरूर करें वास्तु के ये आसान उपाय, घर में आएगी सुख-समृद्धि

Subhi
29 March 2022 3:53 AM GMT
इस चैत्र नवरात्रि जरूर करें वास्तु के ये आसान उपाय, घर में आएगी सुख-समृद्धि
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नवरात्रि का पर्व हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक दृष्टि से इसका बहुत ही ज्यादा महत्व है। नवरात्रि के दौरान पूरे नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।

नवरात्रि का पर्व हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक दृष्टि से इसका बहुत ही ज्यादा महत्व है। नवरात्रि के दौरान पूरे नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। मां दुर्गा को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी कहा जाता है। चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा के भक्त उपवास रखते हैं और पूजा अर्चना करते हैं। चैत्र प्रतिपदा तिथि को घटस्थापना की जाती है और अष्टमी एवं नवमी तिथि पर कन्या पूजन के बाद व्रत का पारण किया जाता है। इस बार मां आदिशक्ति की उपासना का पर्व 2 अप्रैल से शुरू होगा 11 अप्रैल तक मनाया जाएगा। नवरात्रि का यह त्योहार व्रत और पूजा अर्चना के साथ-साथ वास्तु दोष दूर करने के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होते हैं। मान्यता है अगर इन दिनों वास्तु के कुछ खास उपाय कर लिए जाएं तो घर में सुख, समृद्धि बढ़ती है। आइए जानते हैं इन वास्तु उपायों के बारे में।

कलश स्थापना ईशान कोण यानी कि उत्तर-पूर्व कोण में करें।

चैत्र नवरात्रि का आरंभ घट स्थापना से होता है। नवरात्रि के दौरान कलश स्थापना करते समय वास्तु नियम का ध्यान रखें। कलश स्थापना ईशान कोण यानी कि उत्तर-पूर्व कोण में करें। वास्तु शास्त्र के अनुसार यह दिशा पूजा-पाठ के लिए सबसे शुभ और उत्तम है, इससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार अखंड ज्योति को आग्नेय दिशा में रखना चाहिए।

चैत्र नवरात्रि में अखंड ज्योति क भी महत्व है। वास्तु शास्त्र के अनुसार अखंड ज्योति को आग्नेय दिशा यानी कि दक्षिण-पूर्व कोण की दिशा में रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऐसा करने से परिवार के सदस्यों की बीमारियां दूर होती हैं और शत्रुओं पर विजय मिलती है।

घर के मुख्य द्वार पर माता लक्ष्मी के चरण अंदर की तरफ आते हुए बनाएं।

चैत्र नवरात्रि के दौरान माता लक्ष्मी की भी विशेष आराधना की जाती है। चैत्र नवरात्रि के पूरे 9 दिनों नियमित रूप से घर के मुख्य द्वार पर माता लक्ष्मी के चरण अंदर की तरफ आते हुए बनाएं। इस उपाय से माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है और घर में खूब धन-वैभव बढ़ता है।

नवरात्रि के दौरान व्यापारी अपने ऑफिस या दुकान के मुख्य द्वार पर कलश को पूर्व या उत्तर दिशा में रख दें।

यदि आप व्यापारी है तो चैत्र नवरात्रि में इस उपाय को जरूर अपनाएं। एक कलश में जल भरकर उसमे लाल और पीले फूल डालें। नवरात्रि के दौरान व्यापारी अपने ऑफिस या दुकान के मुख्य द्वार पर इस कलश को पूर्व या उत्तर दिशा में रख दें। इससे आपके व्यवसाय में तरक्की मिलेगी।

कन्याओं को भोजन कराते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर बैठाकर भोजन कराएं।

जो भी साधक चैत्र नवरात्रि के व्रत रखते हैं या पूजा अर्चना करते हैं उन्हें अष्टमी या नवमी को घर में कन्या पूजन अवश्य करना चाहिए। कन्याओं को भोजन कराते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर बैठाकर भोजन कराएं और अपनी सामर्थ्य अनुसार भोजन करें। ऐसा करने से घर के सारे वास्तु दोष दूर होते हैं और घर में बरकत आती है।

चैत्र घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल 2022, शनिवार प्रातः 06 :22 से प्रातः 08: 31 तक है।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

चैत्र घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त : 2 अप्रैल 2022, शनिवार प्रातः 06 :22 से प्रातः 08: 31 तक

घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त: 2 अप्रैल 2022, शनिवार, दोपहर 12: 08 मिनट से दोपहर 12:57 मिनट तक रहेगा।

प्रतिपदा तिथि आरंभ: 1 अप्रैल 2022, प्रातः 11: 53 मिनट से

प्रतिपदा तिथि समाप्त: 2 अप्रैल 2022, प्रातः 11: 58 मिनट पर


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