धर्म-अध्यात्म

दिवाली पर करने चाहिए ये मंगल कार्य, प्रसन्न होकर लक्ष्मी जी पधारती हैं घर

Shiddhant Shriwas
30 Oct 2021 3:46 AM GMT
दिवाली पर करने चाहिए ये मंगल कार्य, प्रसन्न होकर लक्ष्मी जी पधारती हैं घर
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धनतेरस के दिन से ही दिवाली का त्योहार आरंभ  हो जाता है इस दिन से दीप प्रज्वलित करना आरंभ कर दिया जाता है

धनतेरस के दिन से ही दिवाली का त्योहार आरंभ हो जाता है इस दिन से दीप प्रज्वलित करना आरंभ कर दिया जाता है लेकिन मुख्य दिवाली यानी लक्ष्मी पूजन कार्तिक मास की अमावस्या में रात्रि के समय किया जाता है। इस बार दिवाली का त्योहार 04 नवंबर को मनाया जाएगा। दिवाली शुभता, सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करने वाला त्योहार है। माना जाता है कि यदि इस दिन विधि-विधान से पूजन किया जाए तो वर्ष भर धन-धान्य की कमी नहीं होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों के घर पधारकर उन्हें धन-वैभव का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। इसलिए मां लक्ष्मी के स्वागत में दिवाली पर कुछ मंगल कार्य अवश्य करने चाहिए, माना जाता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपके घर पधारती हैं। तो चलिए जानते हैं कि कौन से हैं वे मंगल कार्य जिन्हें करने से प्रसन्न होती हैं मां लक्ष्मी।

आम के पत्तों की तोरण

दिवाली पर मां लक्ष्मी के स्वागत में लोग अपने घरों को रंगवाते हैं व उसे तरह-तरह से सजाते हैं, लेकिन इस सब के साथ अपने घर के द्वार पर तोरण अवश्य लगानी चाहिए। दिवाली पर घर के मुख्य द्वार पर आम, पीपल के पत्तों और गेंदे को फूल की माला से तोरण बनाकर लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

फूलों और रंगो से बनाएं खूबसूरत रंगोली

दिवाली पर घर को आंगन और द्वार पर रंगोली बनाने का प्रचलन बहुत पहले से चला आ रहा है। अन्य उत्सवों पर भी लोग अपने घरों में रंगोली जरूर बनाते हैं। समय का अभाव कहें या आधुनिकता आज के समय में लोग बनी-बनाई स्टीकर वाली रंगोली लाकर लगाने लगें हैं लेकिन मां लक्ष्मी के स्वागत में फूलों और रंगो से रंगोली बनानी चाहिए व दीपक प्रज्वलित करके उसे रोशन करना चाहिए। मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर आपके यहां पधारती हैं।

जरूर करें कलश स्थापना

सनातन धर्म में पूजा अनुष्ठान व मांगलिक कार्यों में कलश अवश्य रखा जाता है। दिवाली के दिन भी एक कलश में जलभरकर उसमें आम के पत्ते लगाकर रखना चाहिए व कलश के मुख पर नारियल भी रखना चाहिए। कलश पर रोली या कुमकुम से स्वास्तिक बनाकर मौली बांधना चाहिए। इस तरह से कलश को तैयार करके पूजन स्थान पर रखना चाहिए।

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