धर्म-अध्यात्म

होली पर अबकी बार बने हैं ये शुभ संयोग

Deepa Sahu
16 March 2021 3:27 PM GMT
होली पर अबकी बार बने हैं ये शुभ संयोग
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होली कब है

जनता से रिशता वेबडेस्क: होली कब है और किस दिन जलेगी होलिका इस बात का निर्धारण पंचांग के अनुसार किया जाता है। इस बार पंचांग की गणना बताती है कि फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि 28 मार्च को है। शास्त्रों में बताया गया है कि फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन ही हिरण्यकश्यपु के कहने पर होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता पर बैठ गई थी और दैवयोग से प्रह्लाद तो बच गया लेकिन होलिका अग्नि में जलकर भस्म हो गई। इस समय से ही फाल्गुन पूर्णिमा के दिन हर साल अन्याय और पाप पर न्याय एवं सत्य की विजय के रूप में होलिका दहन किया जाता है।

शास्त्रों के इसी नियम के अनुसार इस वर्ष भी फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन 28 मार्च रविवार को होलिका जलेगी और इसके अगले दिन 29 मार्च सोमवार को रंगोत्सव यानी धुलैंडी मनाई जाएगी। इस अवसर पर पूरा देश ही नहीं दुनिया भर में बसे भारतीय भी रंगों में सराबोर हो जाएंगे।
इस वर्ष होली के मौके पर खुशी की बात यह है कि इस दिन कई कई शुभ योग भी बने हैं जो इस दिन को बेहद खास बना रहे हैं जो ना सिर्फ त्योहार के लिहाज से महत्वपूर्ण है बल्कि सांसारिक और आध्यात्मिक रूप से शुभ फलदायी माने जा हैं।
28 मार्च को दिन में 1 बजकर 53 मिनट पर भद्रा समाप्त हो जाएगा। ऐसे में प्रदोष काल में इस बार होलिका दहन किया जाना शुभ फलदायी रहेगा। इस वर्ष होलिका दहन के समय वृद्धि योग उपस्थित रहेगा। अपने नाम के अनुसार यह योग सभी शुभ कर्मों में वृद्धि और उन्नति प्रदान करने वाला रहेगा। वृद्धि योग के साथ होलिका दहन के दिन कई और भी शुभ योग उपस्थित होंगे।
सर्वार्थ सिद्धि योग में होलिका दहन
इस वर्ष 28 मार्च होलिका दहन के दिन सुबह से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इस योग में होलिका पूजन और रिवाजों को निभाना मंगलकारी होगा। धन संबंधी निवेश और टोटके करना भी शुभ फलदयी रह सकता है। मंत्र साधना और शुभ कार्यों का आरंभ करना भी लाभप्रद होगा।
होलिका दहन के साथ अमृत सिद्धि योग भी
होलिका दहन के दिन इस वर्ष सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ अमृत सिद्धि योग भी होगा। पंचांग की गणना के अनुसार रविवार 28 मार्च को शाम 5 बजकर 36 मिनट से अमृत सिद्धि योग आरंभ होगा। ऐसे में होलिका दहन इसी योग में किया जाएगा।
होलिका दहन की रात ग्रहों का संयोग
इस बार होलिका दहन की रात गुरु और शनि बीते साल की तरह ही एक ही राशि में मौजूद रहेंगे। ऐसा संयोग दुर्लभ माना जाता है। इसके अलावा होलिका दहन की रात इस बार शुक्र अपनी उच्च राशि में होंगे और सूर्य मित्र राशि में। ग्रहों का यह संयोग भी अच्छा माना जा रहा है।


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