धर्म-अध्यात्म

आज दोपहर में है साल का पहला सूर्यग्रहण, बिल्कुल भी न करें गलतियां

Triveni
10 Jun 2021 5:28 AM GMT
आज दोपहर में है साल का पहला सूर्यग्रहण, बिल्कुल भी न करें गलतियां
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आज साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण है. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण है जिसमें चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी को ढक लेगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| आज साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण है. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण है जिसमें चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी को ढक लेगा. ऐसे में केवल सूर्य की बाहरी परत ही दिखाई देगी. ग्रहण में सूर्य के लगभग 94 फीसदी भाग को चंद्रमा ग्रास लेगा यानी कि ग्रहण लगा देगा. पूर्ण सूर्य ग्रहण होने की वजह से दिन में अंधेरा छा जाएगा. इस बार सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) कोरोना काल में पड़ रहा है. भारत में ये ग्रहण आंशिक रूप से ही होगा. इसलिए ग्रहण काल मान्य नहीं होगा. अमेरिका के उत्तरी भाग, यूरोप और एशिया में भी आंशिक ग्रहण ही होगा. पूर्ण सूर्य ग्रहण उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में होगा. साल का पहला सूर्य ग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर शाम के 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा. इस बार भारत में ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं है. आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण में कौन से कार्य करने चाहिए और कौन से नहीं.


ग्रहणकाल में जरूर करें ये 2 काम
खाने की चीजों पर डालें तुलसी
दूध, घी, तेल, पनीर, अचार, मुरब्बा और भोजन सामग्रियों में तिल, कुश या तुलसीपत्र डाल देने से ये ग्रहण काल में दूषित नहीं होते. सूखे खाद्य पदार्थ में तिल या कुशा डालने की जरूरत नहीं होती है.
ग्रहणकाल में सूर्य की उपासना करें
ग्रहणकाल में भगवान सूर्य की उपासना के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र, सूर्याष्टक स्तोत्र आदि सूर्य स्तोत्रों का पाठ व गुरु मंत्र का जाप करना चाहिए. ग्रहणोंपरांत स्नान-दान का भी महत्व है. ग्रहण जहां जितने समय तक दिखाई देता है, वहीं उसकी मान्यता उतने काल तक ही होती है.
आइए जानते हैं सूर्यग्रहण के असर से बचने के लिए कौन से ऐसे 4 काम हैं जिन्हें करने से सबको बचना चाहिए.
खाना न खाएं
कई वैज्ञानिक शोध में यह बात कही जा चुकी है कि ग्रहण के समय मनुष्य की पाचन शक्ति बहुत शिथिल हो जाती है. ऐसे में पेट में दूषित भोजन और पानी जाने पर बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है. मान्यता है कि ग्रहण से पहले ही जिस पात्र में पीने का पानी रखते हों उसमें कुशा और तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए. कुशा और तुलसी में ग्रहण के समय पर्यावरण में फैल रहे जीवाणुओं को संग्रहित करने की अद्भुत शक्ति होती है.
ग्रहण की छाया
चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से ग्रहण की छाया पड़ने से बचना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणें बेहद हानिकारक होती हैं, जिसका प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ सकता है.
पूजा-पाठ
कहा जाता है कि ग्रहण के समय पूजा पाठ नहीं करना चाहिए. यही कारण है कि कई मंदिरों में भी मंदिर के कपाट ग्रहण के समय बंद कर दिए जाते हैं. ऐसे में पूजा, उपासना या देव दर्शन करना वर्जित होता है इसलिए आप अपने मन में ईश्वर को याद करें.
शारीरिक संबंध
ग्रहण के समय कभी भी पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए. कहा जाता है कि इस समय बनाए गए शारीरिक संबध से पैदा हुए बच्चे को जीवन भर परेशानियों का सामना करना पड़ता है


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