धर्म-अध्यात्म

भगवान विष्णु की ये आरती है कल्याणकारी

Tara Tandi
28 Sep 2023 4:57 AM GMT
भगवान विष्णु की ये आरती है कल्याणकारी
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सनातन धर्म में हफ्ते का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा अर्चना को समर्पित होता है, वही गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की साधना आराधना के लिए श्रेष्ठ माना गया है इस दिन भक्त भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहते हैं और व्रत पूजा करते हैं।
माना जाता है कि ऐसा करने से परमेश्वर की अपार कृपा प्राप्त होती है लेकिन इसी के साथ ही अगर श्री हरि की साधना में उनकी प्रिय आरती का पाठ सच्चे मन और भक्ति भाव से किया जाए तो जीवन के सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं और सुख में वृद्धि होती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान विष्णु की आरती।
भगवान विष्णु की आरती—
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥
विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥
ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
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