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यह पौष मास चल रहा है। साथ ही शाकम्भरी नवरात्र की शुरुआत भी हो चुकी है। इस दौरान शाकम्भरी माता की पूजा की जाती है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| यह पौष मास चल रहा है। साथ ही शाकम्भरी नवरात्र की शुरुआत भी हो चुकी है। इस दौरान शाकम्भरी माता की पूजा की जाती है। इसे शाकम्भरी नवरात्र के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि तंत्र-मंत्र करने वाले साधक शाकम्भरी नवरात्रि के दौरान अराधना करता हैं। शाकम्भरी नवरात्रि की पूर्णिमा का भी महत्व अत्याधिक है। कई लोग इस दौरान पवित्र नदियों पर जाकर स्नान करते हैं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा व्यक्ति पर बनी रहती है। साथ ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।
माता शाकम्भरी को दुर्गा मां का एक सौम्य अवतार भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इन्हें ही वैष्णो देवी, चामुंडा, कांगड़ा वाली, ज्वाला, चिंतपूर्णी, कामाख्या, चंडी, बाला सुंदरी, मनसा, नैना और शताक्षी देवी के रूप में भी जाना जाता है। इन्हें हलवा पूरी, सराल-शाक, फल, सब्जी, मिश्री मेवे और शाकाहारी भोजन का भोग लगाया जाता है। कई लोग शाकम्भरी नवरात्रि के दौरान मां के दर्शन करने उनके मंदिर जाते हैं। कहा जाता है कि अगर ऐसा किया जाए तो व्यक्ति को अन्न, फल, धन, धान्य और अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही मां की पूजा करते समय उनकी आरती जरूर करनी चाहिए। यहां हम आपको शाकम्भरी माता की आरती की जानकारी दे रहे हैं।
शाकम्भरी माता की आरती:
हरि ॐ श्री शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो
ऐसी अद्भुत रूप हृदय धर लीजो
शताक्षी दयालु की आरती कीजो
तुम परिपूर्ण आदि भवानी मां, सब घट तुम आप बखानी मां
शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो
तुम्हीं हो शाकुम्भर, तुम ही हो सताक्षी मां
शिवमूर्ति माया प्रकाशी मां,
शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो
इच्छा पूर्ण कीजो, शाकुम्भर दर्शन पावे मां
शाकुम्भरी अम्बाजी की आरती कीजो
जो नर आरती पढ़े पढ़ावे मां, जो नर आरती सुनावे मां
बस बैकुंठ शाकुम्भर दर्शन पावे
शाकुम्भरी अंबाजी की आरती कीजो।
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