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जनता से रिश्ता बेवङेस्क | दुनिया में तरह- तरह के लोग होते हैं. कुछ ऐसे लोग होते हैं जो दूसरों को कमियां निकालने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. इस तरह के लोग वास्तविकता का अनुमान लगाएं बिना दूसरों की कमजोरियों का मजाक उड़ाते हैं. इस तरह की मानसिकता वाला लोग जिंदगी में कभी आगे नहीं बढ़ते है. साथ ही इस तरह की स्वभाव बिल्कुल अच्छा नहीं होता है.
हमेशा अपने घर के बड़ों से सुना होगा कि कुछ भी कहने से पहले अच्छे से दोबारा सोचा- विचार कर लेना चाहिए. आज हम इस पर आधारित एक कहनी लाए है. आइए पढ़ते हैं यह प्रेरक कहानी.
एक अंधा व्यक्ति हमेशा मजाक का पात्र बनता था क्योंकि वह जब भी घर के बाहर जाता तो अपने साथ एक जली हुई लालटेन रखता था. एक बार जब वह अपने दोस्त के घर से भोजन करके वापस आ रहा था तब भी उसके हाथ में जली हुई लालटेन थी. उसके लौटते समय कुछ लड़कों ने हाथ में जली हुई लालटेन देखी तो वह हंसने लगे और उस पर तंज कसने लगे कि अरे देखों अंधा लालटेन लेकर जा रहा है. भला अंधे को लालटेन का क्या काम
यह बात सुनकर अंधे व्यक्ति ने कहा कि भाई आप सही कह रहे हो. मैं तो अंधा हूं. देख नहीं सकता. मेरी दुनिया में हमेशा अंधेरा छाया रहता है. मेरी तो आदत अंधेरे में जीने की है. लेकिन आप जैसे लोगों के लिए लालटेन लेकर चलता हूं क्योंकि आप लोगों को अंधेरे में चलने की आदत नहीं है. क्या पता अंधेरे में आप लोग मुझे देख न पाएं और धक्का लग जाए तो मेरा क्या होगा. यह कारण है कि मैं अपने पास एक लालटेन रखता हूं
उस व्यक्ति की बात सुनकर लड़के शर्म से पानी हो गए और क्षमा मांगने लगें. उन्होंने वादा कियामकि बिना सोचे – समझे किसी को भी कभी भी कुछ नहीं कहेंगे और न ही किसी पर हंसेंगे.