धर्म-अध्यात्म

दिल की बात जुबां तक लाने में इन राशि वालों को लग जाता है बहुत समय, इस आदत के कारण रहते हैं परेशान

Tulsi Rao
25 Feb 2022 6:53 PM GMT
दिल की बात जुबां तक लाने में इन राशि वालों को लग जाता है बहुत समय, इस आदत के कारण रहते हैं परेशान
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इस तरह की समस्या अधिक आती है, ये लोग संकोच के कारण दिल की बात को आसानी से नहीं कह पाते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष शास्त्र : दिल की बात अगर जुबां तक आ जाए तो उसे कह देना चाहिए, दिल की बात, दिल में नहीं रखनी चाहिए. कई बार ऐसा करने से परेशानी और तनाव का भी सामना करना पड़ता है. कई बार तो इस आदत के कारण करीबी रिश्ते भी दूर हो जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की ये राशि होती है, उनके साथ इस तरह की समस्या अधिक आती है, ये लोग संकोच के कारण दिल की बात को आसानी से नहीं कह पाते हैं.

मिथुन राशि- ज्योतिष शास्त्र में मिथुन राशि में स्वामी बुध है. बुध ग्रह को सभी ग्रहों का राजकुमार भी कहा गया है. मिथुन राशि की कुंडली में बुध ग्रह जब शुभ और मजबूत होता है तो ऐसे लोग बातों में माहिर होते हैं. इन्हें बातों में हरा पाना मुश्किल होता है, लेकिन वहीं जब बुध कमजोर या पाप ग्रह राहु या केतु से दूषित हो जाता है तो स्थितियां बदल जाती है. इस स्थिति मे व्यक्ति अपनी बात को कहने से घबराता है. ऐसे लोग गलत चीजों को भी कभी चुपचाप सहन करते रहते हैं. ये लोग दिल की बात को जुबां तक लाने में बहुत समय लेते हैं. एक अज्ञात भय इन्हें सताता रहता है. कभी कभी ये अनावश्यक जिद भी मन में रख लेते है. जिस कारण इनके मन में क्या चल रहा है सामने वाला भांप ही नहीं पाता है. ऐसे लोगों को बुध को मजबूत बनाने पर जोर देना चाहिए. बुधवार को गणेश जी की पूजा करने से लाभ मिलता है. जिन लोगों का नाम 'क', 'छ' और 'घ' से आरंभ होता है, उनकी राशि मिथुन होती है.
वृश्चिक राशि- इस राशि को एक रहस्मय राशि भीद माना गया है. इस राशि के लोगों को आसानी से नहीं समझा जा सकता है. ये बहुत गहरे होते हैं. ये लोग गहरी से गहरी बात को भी सीने में दफन कर लेते हैं. इनके मुंह से कोई भी राज बाहर नहीं आ सकता है. ये अपने कार्यों को चुपचाप करने में विश्वास करते हैं. वृश्चिक राशि के लोग अपने लक्ष्य को लेकर बहुत ही गंभीर और सतर्क रहते हैं. ये अपनी चीजों को हर किसी के साथ शेयर नहीं करते हैं. कह सकते हैं कि ये अपनी बात को सहज किसी को नहीं बताते हैं. ये भी अपनी दिल को बात का बताने में बचते हैं. जिस कारण कभी-कभी इन्हें परेशानी भी उठानी पड़ती है. इस आदत के कारण इन्हें मानसिक तनाव की स्थिति का भी सामना करना पड़ता है. वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है. यदि कुंडली में मंगल की स्थिति खराब है तो ऐसे लोग कम बोलने वाले होते हैं. कई बार इनकी वाणी में दोष भी देखा जाता है. कठोर वचन बोलने के कारण इन्हें वो सम्मान नहीं मिल पाता है जिसके ये हकदार होते हैं. जिन लोगों का नाम इन अक्षर तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू से आरंभ होता है, उनकी राशि वृश्चिक होती है.


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