धर्म-अध्यात्म

ये वास्तु टिप्स भाई दूज तिलक और दिवाली पूजा के समय आ सकते हैं काम

Gulabi
3 Nov 2021 4:46 PM GMT
ये वास्तु टिप्स भाई दूज तिलक और दिवाली पूजा के समय आ सकते हैं काम
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वास्तु टिप्स

दिवाली (Diwali) के पांच दिवसीय त्योहार के तहत भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार मनाया जाता है, जिसका बेहद ख़ास महत्व है. इस बार भाई दूज का त्योहार 6 नवम्बर को शनिवार के दिन मनाया जायेगा. मान्यता के अनुसार भाई दूज के दिन भाई बहन के घर जाकर उनसे तिलक करवाकर, अगर बहन के हाथ का बना भोजन करते हैं, तो इससे भाई-बहन को जीवन भर यम का भय नहीं रहता है. इस दिन बहनें भाई के घर आने पर उनका आदर सत्कार करके माथे पर तिलक करती हैं और भोजन करवाकर उनके दीर्घायु होने की कामना करती हैं. ऐसे में बहनें हर संभव कोशिश करती हैं कि उनकी पूजा सफल हो और इसका पूरा फल भाई-बहन दोनों को मिल सके. ऐसे में अगर कुछ वास्तु टिप्स (Vastu Tips) को भी फॉलो कर लिया जाये, तो ये भाई-बहन के लिए और भी शुभ हो सकता है. आइये जानते हैं कि भाई दूज पूजा के दौरान आपको कौन से वास्तु टिप्स को फॉलो करना चाहिए.


वास्तु शास्त्र में दिशा का काफी महत्व है. इसलिए भाई दूज के दिन आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि जब बहनें अपने भाई को तिलक लगाएं तो भाई का चेहरा उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में से किसी एक दिशा की ओर होना चाहिए. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि इस समय बहन का चेहरा उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर हो.
इसके साथ ही आप अगर जमीन पर चौक लगाकर, वहां बैठकर तिलक पूजा को संपन्न करेंगी तो ये और भी शुभ होगा. वास्तु टिप्स के अनुसार इस दिन भाई-बहन को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए. इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि तिलक के समय भाई-बहन चमड़े का पर्स या कोई सामान इस्तेमाल न करें.

दिवाली पूजा वास्तु टिप्स

दिवाली पूजा के समय भी आपको कुछ वास्तु टिप्स को ध्यान में रखना चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा स्थल के लिए सबसे उत्तम स्थान ईशान कोण यानी उत्तर व पूर्व का समागम स्थल है, इसलिए इसी दिशा में पूजा करनी चाहिए.

साथ ही पूजन में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के चित्रों के साथ मृतकों और पूर्वजों के चित्रों को नहीं रखना चाहिए. इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि पूजन कक्ष में चमड़े का सामान और जूते-चप्पल न हों. साथ ही पूजा में ताजे फल-फूल ही इस्तेमाल करने चाहिए.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जनता से रिश्ता इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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